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मप्र कांग्रेस के पीएम के खिलाफ सबूत

भोपाल | समाचार डेस्क: मध्य प्रदेश कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर भारतीय गौरव को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को भोपाल के हबीबगंज थाने में सबूत सौंपे गये. इसी के साथ उन पर प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन दिया. कांग्रेस का आरोप है कि प्रधानमंत्री मोदी विगत काफी समय से देश की अस्मिता, सम्मान, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का सुविचारित नीति के तहत निरंतर अपमान करते आ रहे हैं. कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को थाने में मौजूद नगर पुलिस अधीक्षक जितेंद्र राठौर एवं थाना प्रभारी सुधीर अरजरिया को दस्तावेजी सबूत, फोटो, इंटरनेट की लिंक तथा पेनड्राइव सौंपे.

दस्तावेजों में उन पर ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया-2002’ एवं राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम-1971 की धारा-दो के तहत प्रकरण दर्ज करने की मांग की गई है.

इस दौरान कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि प्रधानमंत्री ने मई, 2015 में दक्षिण कोरिया के सियोल में अपने भाषण के दौरान ‘भारत वर्ष में जन्म लेने को अपमान बताया था.’

इसके बाद जून, 2015 में अतंर्राष्ट्रीय योग दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी के राजपथ पर योग करते हुए प्रधानमंत्री ने तिरंगे से अपना चेहरा पोंछा था.

मिश्रा ने कहा कि सितंबर, 2015 को न्यूयार्क दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने हमारी अस्मिता की पहचान राष्ट्रीय तिरंगा ध्वज पर ऑटोग्राफ कर तिरंगे का अपमान किया था. यही नहीं, नवंबर, 2015 को कुआलालम्पुर में आयोजित आसियान शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री के सामने राष्ट्रीय ध्वज उल्टा लगाया गया.

उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में इसी माह प्रधानमंत्री मोदी 23 दिसंबर, 2015 को दो दिवसीय दौरे पर 16वें भारत-रूस सालाना सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे थे, विमानतल पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. प्रधानमंत्री के समक्ष पहले रूस का राष्ट्रगान बजाया गया, तब तक वह वहां रुके रहे, लेकिन जैसे ही भारत का राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन’ की धुन बजाई जाने लगी, प्रधानमंत्री वहां रुके नहीं, आगे चल दिए. उन्हें बाद में वहां मौजूद एक अधिकारी ने हाथ पकड़कर पीछे लाया. यह पूरी क्रिया प्रोटोकॉल का उल्लंघन और भारत के राष्ट्रगान का घोर अपमान है.

कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस से आग्रह किया है कि प्रधानमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर काबिज व्यक्ति द्वारा देश की शान के खिलाफ एक के बाद एक किए जा रहे ‘गंभीर दुष्कृत्य’ को लेकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए.

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