रायपुर

छत्तीसगढ़: शीतकालीन सत्र शुरू

रायपुर | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ विधानसभा का सप्ताहव्यापी शीतकालीन सत्र बुधवार से शुरू हो गया. सदन की कार्रवाई शुरू होने पर सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने विगत दिनों पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, पूर्व लोकसभा सांसद परसराम भारद्वाज, छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व मंत्री गंगूराम बघेल और पूर्व विधायक प्यारेलाल सलाम के विगत दिनों हुए निधन की सूचना दी. अग्रवाल ने इन दिवंगत विभूतियों का जीवन परिचय भी प्रस्तुत किया.

सदन के नेता और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने दिवंगतों के सम्मान में अपने शोक उदगार प्रकट किए. डॉ. रमन सिंह ने पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि डॉ. कलाम का छत्तीसगढ़ से गहरा लगाव था. उन्होंने एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्म लेकर अपनी प्रतिभा के बल पर देश के सर्वोच्च पद को सुशोभित किया.

डॉ. कलाम ने एक शिक्षक के रूप में 28 जनवरी 2004 को छत्तीसगढ़ विधानसभा को सम्बोधित कर छत्तीसगढ़ के आगामी बीस साल के विकास की संभावनाओं पर प्रस्तुतिकरण दिया था. हमने उनके मार्गदर्शन के अनुरूप पांच बिन्दुओं पर ध्यान केन्द्रित किया और इन क्षेत्रों में अच्छी सफलता प्राप्त की.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर और छत्तीसगढ़ के लोगों के प्रति उनमें काफी लगाव था. उन्होंने छत्तीसगढ़ के जन-जन के गौरव की जयझ् कविता में छत्तीसगढ़ के प्रति अपने भावों को प्रकट किया. मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि राज्य सरकार ने उनके नाम पर शिक्षा गुणवत्ता अभियान प्रारंभ किया है.

मुख्यमंत्री ने विश्व हिन्दू परिषद के वरिष्ठ नेता दिवंगत अशोक सिंघल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन देश और समाज की सेवा के लिए समर्पित कर दिया. डॉ. सिंह ने पूर्व लोकसभा सांसद दिवंगत परसराम भारद्वाज को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे देश की लोकसभा में छत्तीसगढ़ की आवाज थे. लगातार छह बार उनका सांसद के रूप में निर्वाचित होना उनकी लोकप्रियता को बताता है.

उन्होंने लोकसभा की कई समितियों का प्रतिनिधित्व किया. वे कृषि के विशेषज्ञ थे और सहज-सरल स्वभाव के धनी थे. मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के पूर्व मंत्री स्वर्गीय श्री गंगूराम बघेल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे तीन बार विधायक के रूप में निर्वाचित हुए. किसान पृष्ठभूमि के सरल-सहज नेता थे.

डॉ. सिंह ने पूर्व विधायक स्वर्गीय प्यारेलाल सलाम को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आदिवासी बहुल बस्तर अंचल के श्री सलाम वर्ष 1977 से 1980 तक तत्कालीन मध्यप्रदेश की विधानसभा के सदस्य थे. वे गांव, गरीब और किसानों के हितों के लिए हमेशा चिन्तित रहते थे. मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि आज विशेष दिन है.

सिखों के गुरू तेगबहादुर सिंह का शहादत दिवस और भारत-पाक युद्ध 1971 में भारत की विजय का दिवस शौर्य दिवस है. उन्होंने गुरू तेगबहादुर सिंह और देश के शहीदों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की. सदन के नेता प्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव, संसदीय कार्य मंत्री अजय चन्द्राकर, कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, विधायक भूपेश बघेल, मनोज मण्डावी, केशव चन्द्रा और नवीन मार्कण्डेय ने दिवंगत विभूतियों को श्रद्धांजलि अर्पित की. सदन में दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत विभूतियों को श्रद्धांजलि दी गयी.

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