राष्ट्र

‘शैतान की आयतें’ पर प्रतिबंध गलत

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: पी चिदंबरम ने माना है कि रुश्दी की किताब ‘द सैटेनिक वर्सेज’ पर बैन लगाना गलत था. उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहते सलमान रुश्दी की इस विवादित किताब पर भारत में बैन लगा दिया गया था. उस समय पी चिदंबरम राजीव सरकार में गृहमंत्री थे. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा है, “यदि आपने मुझसे यही सवाल आज से 20 साल पहले किया होता, तो भी मेरा यही उत्तर होता.”

पी चिदंबरम के इस बयान के बाद सलमान रुश्दी ने ट्वीट किया, “यदि आपने मुझसे यही सवाल आज से 20 साल पहले किया होता, तो भी मेरा यही उत्तर होता.”

गौरतलब है कि सलमान रुशदी द्वारा रचित उपन्यास सन् 1988 में पहली बार वाइकिङ्स पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित हुआ. यह मुहम्मद के जीवन से प्रेरित है. इस पुस्तक को इस्लामिक जगत में ईशनिन्दक माना गया और ईरान के अयातुल्ला खोमैनी ने इसके लिये सलमान रुशदी की हत्या का फतवा जारी किया था.

इसके बाद भारत सहित कई देशों में यह पुस्तक प्रतिबन्धित करनी पड़ी. उनकी हत्या करने के एलान की प्रतिक्रिया के रूप में, रुश्दी ने लगभग एक दशक, मुख्यतः भूमिगत होकर बिताया, जिसके दौरान कभी-कभार ही वे सार्वजनिक रूप से प्रकट होते थे.

इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाने जाने के सवाल पर पी चिदंबरम ने कहा, “इंदिरा गांधी ने खुद 1980 में माना था कि आपातकाल लगाना गलत था और अगर सत्ता में आई तो फिर कभी आपातकाल नहीं लगाएंगी. लोगों ने उनकी बात पर भरोसा किया और फिर से उन्हें सत्ता में पहुंचाया.”

रुश्दी अपने लेखन में ‘जादुई यथार्थवाद’ का प्रयोग करने के लिए जाने जाते हैं. बाजार में अब तक उनके 11 उपन्यास आ चुके हैं. उनकी लोकप्रिय रचनाओं में ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रन’ शामिल है.

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