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नेपाल में हिंसक हुआ मधेसी आंदोलन

काठमांडू | शमाचार डेस्क: नेपाल के तराई में मधेसी आंदोलन हिंसक होता जा रहा है. मधेसी आंदोलनकारी भारत से जरूरी वस्तुयें तक नेपाल ले जाने से रोक रहे हैं. यहां तक कि उन्होंने 20 लाख रुपयों के जीवनरक्षक दवाओं को भी आग के हवाले कर दिया. चार मधेसी पार्टियों को मिलाकर बने मधेसी मोर्चे और सरकार के बीच संविधान संशोधन पर शुक्रवार को वार्ता असफल रहने के बाद नेपाल में फिर हिंसा भड़क उठी. नेपाल-भारत सीमा पर स्थित मोरंग जिले के काटाहारी में मधेसी मोर्चे के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को एक एंबुलेंस में तोड़फोड़ की.

मोरंग जिले के पुलिस प्रवक्ता प्रमोद खरेल ने बताया कि रंगेली से बिराटनगर जा रही इस एंबुलेंस पर पत्थर फेंके गए. एंबुलेंस में एक मां अपने बीमार बच्चे के साथ थी. मां को हल्की चोट लगी है.

बीरगंज के परसा जिले में मोर्चा समर्थकों ने कुछ देर पहले ही दवाओं से लदे वाहन को जाने दिया था. लेकिन, कुछ देर बाद ही गुरुवार रात को उन्होंने दवाओं से भरे एक ट्रक पर पेट्रोल बम फेंके.

ट्रक में जीवन रक्षक दवाएं थीं. मधेसी कार्यकर्ताओं ने ट्रक को फूंक दिया. ट्रक चालक ने कहा कि यह ट्रक पर ‘जरूरी दवा’ का बैनर लगा हुआ था, इसके बावजूद ट्रक को फूंक दिया गया.

परसा के पुलिस अधिकारी एस.पी.रोबिंद्र बोगाती ने कहा कि आग से 20 लाख रुपये की एंटीबायटिक्स स्वाहा हो गईं.

मधेसी कार्यकर्ताओं ने रौथाट में पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल के घर पर भी तोड़फोड़ की. उन्होंने तरारी क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया.

मधेसी समुदाय नेपाल के नए संविधान से नाखुश है और इसमें बदलाव की मांग कर रहा है. उसका कहना है कि इसमें उन्हें पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है और न ही उनके इलाकों का सीमांकन सही तरीके से किया गया है.

आंदोलन की वजह से भारत से जरूरी वस्तुएं नेपाल नहीं जा पा रही हैं. देश में दवाओं की भीषण कमी पैदा हो गई है. गुरुवार को मधेसी मोर्चा ने तय किया था कि पूर्वी बिराटनगर से दवाओं से लदे वाहनों को दिन के समय नेपाल में आने दिया जाएगा.

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