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चुनाव से तय होगा नेपाल का प्रधानमंत्री

काठमांडू | समाचार डेस्क: आम सहमति के लिये शुक्रवार की डेडलाइन पार हो जाने के बाद रविवार को नेपाल में प्रधानमंत्री पद के लिये चुनाव होगा. नेपाल के नये प्रधानमंत्री का चुनाव संसद करेगी. संसद अध्यक्ष सुभाष चंद्र नेमबांग ने शुक्रवार को यह घोषणा की.

चूंकि देश के नए संविधान को 20 सितंबर को एक व्यापक बहुमत से मंजूरी मिल चुकी है, लिहाजा प्रधानमंत्री सुशील कोईराला नए प्रधानमंत्री के चुनाव का रास्ता साफ करने के लिए पद छोड़ने वाले हैं.

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल यूनीफाइड मार्क्‍सिस्ट-लेनिनिस्ट के अध्यक्ष खडग प्रसाद ओली इस पद के मजबूत दावेदार बने हुए हैं, यद्यपि वह अपने पक्ष में आम सहमति बनाने में नाकामयाब रहे.

मौजूदा प्रधानमंत्री कोईराला भी दूसरे कार्यकाल के लिए मैदान में उतर सकते हैं, क्योंकि नए संविधान को सफलतापूर्वक तैयार कराने और उसे मंजूरी दिलाने का श्रेय उन्हें जाता है.

प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार शनिवार को अपने नामांकन दाखिल कर सकते हैं. चुनाव रविवार को सुबह 11 बजे से होगा.

राष्ट्रपति राम बरन यादव ने संविधान के प्रावधानों के अनुसार, सहमति के आधार पर नया प्रधानमंत्री चुनने के लिए राजनीतिक दलों को एक सप्ताह का समय दिया था, लेकिन यह समय सीमा शुक्रवार को समाप्त हो गई.

नेपाल की कोई भी प्रमुख पार्टी 598 सदस्यीय संविधान सभा में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे सभी 31 राजनीतिक दलों का भरोसा हासिल नहीं कर सकी. जिसके कारण राष्ट्रपति को चुनाव कराने की प्रक्रिया की ओर बढ़ना पड़ा है.

नेमबांग ने शुक्रवार को संसद में राष्ट्रपति की ओर से आए एक पत्र को पढ़ा और सदन को सूचित किया कि प्रधानमंत्री पद का चुनाव नेपाल के सविधान-2015 के प्रवधानों के अनुसार, रविवार सुबह 11 बजे होगा.

कोईराला की नेपाली कांग्रेस और ओली की सीपीएन (यूएमएल) ने 2014 में एक गठबंधन सरकार बनाई थी. दोनों पार्टियों ने चुनाव में संसद में लगभग दो-तिहाई सीटें जीत ली थी. यूनीफाइड कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी) संसद में मुख्य विपक्ष के रूप में रही.

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