राजनीतिक पार्टियां आरटीआई के दायरे में
नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग ने एक महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए कहा है कि अब राजनीतिक पार्टियां भी सूचना के अधिकार (आरटीआई) के दायरे में आएंगी. इससे पहले सिर्फ राजनीतिक पार्टियों के आयकर रिटर्न्स के बारे मे ही जाना जा सकता था लेकिन अब इन दलों के वित्त और बैठकों की जानकारी भी प्राप्त की जा सकेगी.
गौरतलब है कि वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल और अन्य ने आयोग के समक्ष अर्जी पेश की थी कि राजनीतिक दलों को भी आरटीआई के दायरे में लाया जाए. उनका कहना था कि चूंकि राजनीतिक पार्टियां सरकार से तमाम तरीके की सुविधाएं प्राप्त करती हैं इसीलिए वे भी आरटीआई के दायरे में लाई जा सकती हैं.
सूचना आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि सभी राजनीतिक दलों को छह महीने के अंदर ऐसे अधिकारी नियुक्त करने होंगे जो राइट टू इन्फर्मेशन याचिकाओं का जवाब देंगे. आयोग ने इस फैसले से पहले सभी प्रमुख राजनीतिक दलों से इसके बाबत राय मांगी थी लेकिन उन्होंने इसका पुरजोर विरोध किया था.
फैसले के मुताबिक राजनीतिक पार्टियां आरटीआई कानून की धारा 2(एच) (II) के तहत आरटीआई के अंदर आती हैं जिसके चलते उन्हें ये सूचनाएं साझा करनी होंगी. हालांकि राजनीतिक दल सेक्शन 8(1) और 7(9) में शामिल सूचनाएं बताने को बाध्य नहीं होंगे.