छत्तीसगढ़

छग का नेतृत्व विकास का इच्छुक- WB

नई दिल्ली | संवाददाता: बकौल विश्व बैंक छत्तीसगढ़ में विकास के लिये इच्छुक नेतृत्व है तथा आंध्रप्रदेश के बाद दूसरे नंबर पर है. देश के राज्यों में कारोबार में सुगमता पर पहली बार जारी अपनी तरह की इस को विश्व बैंक ने तैयार किया गया है. विश्व बैंक का कहना है कि आज जो राज्य निवेश को प्रोत्साहित कर रहें हैं उनमें आगे आने वाले समय में रोजगार की संभावनायें बढ़ जायेंगी.

इस लिहाज से विश्व बैंक ने फिक्की तथा सीआईआई के साथ मिलकर भारत के राज्यों का विश्लेषण किया है. विस्लेषण इस आधार पर किया गया है कि इसमें कारोबार स्थापित करना, भूमि का आवंटन, श्रम सुधार और पर्यावरण मंजूरी की प्रक्रिया जैसे मानदंडों के आधार क्या हैं. इसके अलावा अन्य मानदंडों में बुनियादी ढांचा, कर के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया और विभिन्न नियमों के अनुपालन का निरीक्षण शामिल हैं. कौन से राज्य कितना ज्यादा सुधार कर रहें हैं उसके आधार पर उनकी विकास के प्रति इच्छुकता का आकलन किया गया है.

विश्व बैंक द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार विकास के लिये इच्छुक राज्यों में आंध्रप्रदेश पहले नंबर पर है उसके बाद छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा तथा राजस्थान का नंबर आता है.

इसी रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, तेलांगना, उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल में तत्काल इस दिशा में कार्य किये जाने की आवश्यकता है.

विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अंडमान-निकोबार, अरुणाचल प्रदेश, आसाम, बिहार, चंडीगढ़, गोवा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, केरल, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पांडिचेरी, सिक्किम, त्रिपुरा तथा उत्तराखंड को इस मामले में छलांग लगाने की जरूरत है.

जहां तक बात उद्योग-व्यवसाय के लिहाज से संपूर्ण सुगमता वाले राज्यों की सूची की है तो उसमें गुजरात पहले नंबर पर तथा उसके बाद आंध्र प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान है. इस तरह से देखा जाये तो देश के छः अग्रणी राज्यों में ज्यादातर भाजपा शासित राज्य हैं.

छत्तीसगढ़ में व्यापार तथा निवेश बढ़ाने के लिये सरकार की प्रमुख पहलों का विश्व बैंक ने अपने रिपोर्ट में उल्लेख किया है-

निर्माण परमिट: निर्माण की योजना का आकलन करने के लिए एक ऑनलाइन तंत्र लागू किया है.
टैक्स: वैट के लिए अनिवार्य ऑनलाइन भुगतान और एक ही दिन में उसका पंजीकरण.
श्रम: स्वयं के प्रमाणीकरण की अनुमति और बॉयलर के लिये तीसरे पक्ष के प्रमाणीकरण की अनुमति देता है.
श्रम: निरीक्षको के आवंटन के लिये ऑनलाइन प्रणाली तथा 72 घंटे के भीतर निरीक्षण की रिपोर्ट देना.
श्रम: विभिन्न श्रम कानूनों के लिए स्वैच्छिक अनुपालन योजना के तहत पंजीकृत संस्थाओं के लिए एक एकीकृत निरीक्षण प्रक्रिया. पांच साल में एक बार पूर्व सूचना देकर निरीक्षण.
पर्यावरण: पर्यावरण से संबंधित सभी सहमति के लिए एक ऑनलाइन सहमति प्रबंधन प्रणाली विकसित की गई है.
एनफोर्समेंट: जिला जजों की 80 फीसदी रिक्तियों को भरा गया है.

जाहिर है कि छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा किये गये इन कार्यो की बदौलत राज्य में व्यापार करने में आसानी होगी, ऐसा विश्व बैंक का मानना है. प्रधानमंत्री मोदी साल 2014 में विश्व बैंक से कहा था कि भारत की प्रतिस्पर्धा में टिके रहने तथा अपने उत्पादों का विदेशों में निर्यात करने में मदद करें.

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