झाबुआ में सीएम शिवराज का विरोध
झाबुआ | समाचार डेस्क: झाबुआ विस्फोट के पीड़ितों से मिलने गये शिवराज सिंह चौहान को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा. झाबुआ में शनिवार को हुये विस्फोट के लिये लोग प्रशासन को दोषी मान रहें हैं. सरकार के रवैये सी भी लोग खासे नाराज हैं. मध्य प्रदेश के झाबुआ में शनिवार को हुए विस्फोट के बाद हालात का जायजा लेने रविवार को घटनास्थल पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जनता के गुस्से का सामना करना पड़ा. जनता के सवालों से वह कई बार असहज भी महसूस किए. झाबुआ के पेटलावाद में शनिवार को हुए विस्फोट में अबतक 88 लोगों की मौत हो चुकी है.
मुख्यमंत्री पेटलावद पहुंचने के बाद अस्पताल में घायलों का हाल जानकर जैसे ही घटनास्थल की ओर बढ़े, भीड़ ने उनका रास्ता रोक लिया. मुख्यमंत्री को अपने वाहन से उतरकर प्रदर्शनकारियों के साथ सड़क पर बैठना पड़ा.
प्रदर्शनकारियों का गुस्सा सातवें आसमान पर था और मुख्यमंत्री के पास उन्हें भरोसा और दिलासा दिलाने के अलावा कुछ भी नहीं था.
चौहान ने जब घटनास्थल पर पहुंच कर जनता को भरोसा दिलाया कि वे उनके साथ हैं, और जब, जहां चाहें तो उनके साथ चर्चा कर सकते हैं. तब भीड़ से आवाजें आई कि “आप से हम कैसे मिल सकते हैं, आपके अफसर तो मिलने ही नहीं देते.”
मुख्यमंत्री जब एक पीड़ित परिवार के बीच थे, तो वहां की महिलाओं ने उनसे कहा कि आप जो कह रहे हैं उसे लिखकर दे दें. इस पर चौहान असहज हुए और बोले कि वह “मुख्यमंत्री हैं, यूं ही नहीं आए हैं, उनके संपर्क में रहेंगे.”
जनता का गुस्सा इस बात को लेकर भी है कि विस्फोटक गोदाम का मालिक भाजपा नेता है और जब भी लोगों ने उसकी शिकायत की तो उस पर कार्रवाई नहीं हुई.
झाबुआ विस्फोट में मारे गए या घायल हुए कई लोगों के परिजन अपने प्रियजनों की तस्वीरें साथ लिए उन्हें तलाशने में जुटे हैं. कई ऐसे भी हैं, जो अपनों की मौत से अब भी बेखबर हैं.
विस्फोट के एक दिन गुजर जाने के बाद मौके पर कई ऐसे लोग अपनों को तलाशते नजर आए, जो अपने हाथों में पहचानपत्र की छाया प्रतियां या तस्वीरें लिए हुए थे. वे पोस्टमार्टम स्थल से लेकर अंतिम संस्कार स्थल तक गए, मगर उन्हें उनके प्रियजनों के बारे में जानकारी देने वाला कोई नहीं मिला.
हादसे की वीभत्सता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई लोगों की शिनाख्त उनके कपड़ों और शरीर पर पहले से मौजूद चोट आदि के निशानों से हुई है.
अस्पताल से घटना स्थल की ओर जाते समय मुख्यमंत्री को भीड़ के आक्रोश का सामना करना पड़ा. भीड़ ने उनके काफिले को रोक दिया. इसके चलते पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई है. भीड़ में मौजूद लोग विस्फोटक के संग्रहकर्ता कासवा की गिरफ्तारी करने, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और प्रशासनिक अफसरों पर भी कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे.
भीड़ के गुस्से को देखते हुए मुख्यमंत्री चौहान वाहन से उतर कर लोगों के साथ सड़क पर बैठ गए और उनकी बातें सुनी. उन्होंने लोगों को यह समझाने की कोशिश की, कि सरकार उनके साथ है.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीमा अलवा ने रविवार को कहा कि विस्फोटक का संग्रह करने वाले राजेंद्र कासवा की तलाश जारी है. उनके परिजनों से पूछताछ की गई है. मगर राजेंद्र का कोई पता नहीं चला है. वह झाबुआ से भाग गया है.
हादसे के विरोध में रविवार को झाबुआ और पेटलावाद बंद का आयोजन किया गया है. आम जन-जीवन थम गया है. पेटलावाद में विस्फोट को लेकर लोगों में काफी गुस्सा है.
ज्ञात हो कि सेठिया होटल में गैस सिलेंडर फटने के बाद एक मकान में विस्फोट हुआ था. इस मकान में विस्फोटक रखा हुआ था. इस विस्फोट में कई मकान मलबे के ढेर में बदल गए थे. यह विस्फोटक खनन कार्य के लिए उपयोग में लाया जाता है.