राष्ट्र

अंधे होने के डर से नहीं लौटे शिंदे

नई दिल्ली | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के नक्सली हमले में 28 लोगों के मारे जाने के बाद भी अमरीका में सात दिन छुट्टी बिता कर लौटे भारत के गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे और अब जा कर छत्तीसगढ़ आने की फुर्सत मिली है.

छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले के बाद भी अमरीका में ही रुके रहने के लिये कहा जा रहा है कि शिंदे अपनी आंख का इलाज कराने के लिये अमरीका में रुक गये थे. सूत्रों का कहना है कि अगर शिंदे ने अपनी आंख का इलाज नहीं कराया होता तो उन्हें अंधत्व का खतरा हो सकता था.

सरकारी कार्यक्रम निपटाने के बाद 23 मई को ही भारत के लिये शिंदे को रवाना होना था. लेकिन शिंदे अमरीका में ही रुक गये. यहां तक कि 25 मई को दरभा में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर नक्सली हमला और कई बड़े नेताओं के मारे जाने के बाद भी वे सप्ताह भर तक अमरीका में ही रुके रहे. सरकार और कांग्रेस पार्टी ने इस हमले को कितनी गंभीरता से लिया था, इसका अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि घटना वाली रात को ही राहुल गांधी रात 2 बजे छत्तीसगढ़ पहुंच गये थे. घटना के अगले दिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी छत्तीसगढ़ पहुंचे. लेकिन शिंदे को तब भी फुर्सत नहीं मिली.

अब घटना के लगभग एक सप्ताह बाद गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे दिल्ली लौटे हैं और छत्तीसगढ़ जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं सेहत के कारण अमेरिका में रुका था. शिंदे ने माना कि 19 से 23 मई तक वहां सरकारी कार्यक्रम था. उसके बाद आंख का इलाज कराने के लिए 29 मई तक रुकने की मंजूरी ली थी.

उन्होंने कहा कि नक्सल समस्या की गंभीरता से वह अवगत हैं. जो राजनेता नक्सल प्रभावित राज्यों में सक्रिय हैं उन्हें सरकार पूरी सुरक्षा देगी. गृहमंत्री ने यह भी कहा कि हमें इस बात की जानकारी है कि नक्सली अब शहरी इलाकों में हमले कर सकते हैं. सरकार नक्सलियों से सख्ती से निपटेगी.

भाजपा ने शिंदे की अनुपस्थिति को लेकर पहले भी सवाल उठाया था. अब जबकि शिंदे ने अपनी आंख की इलाज का हवाला दिया है, उसके बाद माना जा रहा है कि भारतीय चिकित्सा व्यवस्था को लेकर भी सवाल खड़े हो सकते हैं. आंख का ऐसा कौन सा इलाज था, जो भारत में संभव नहीं था और शिंदे को उसके लिये सप्ताह भर तक अमरीका में रुकना पड़ा.

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