बहुमत का अर्थ चुप्पी नहीं: सोनिया
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी प्रधानमंत्री मोदी के ‘मौन व्रत’ पर कटाक्ष किया है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विवादित मुद्दों, विशेषकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तथा दो मुख्यमंत्रियों वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान से जुड़े मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर सोमवार को उन पर निशाना साधा. साथ ही उन्होंने इन तीनों के इस्तीफे की मांग दोहराई. उन्होंने कहा, “संसद में बहुमत मिलने का मतलब यह नहीं कि इससे किसी को जवाबदेही से बचने का लाइसेंस मिल गया है.”
सोनिया ने यह भी कहा कि बड़े स्तर पर हुई गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होने तक पार्टी के रुख में कोई बदलाव नहीं होगा.
सोनिया ने पार्टी के आधिकारिक ट्विटर पृष्ठ पर लिखा है, “इतने सारे स्पष्ट सबूत सामने आ चुके हैं, जो विदेश मंत्री तथा दोनों मुख्यमंत्रियों का इस्तीफा लेने के लिए प्रधानमंत्री को पर्याप्त आधार देते हैं.”
सुषमा के अतिरिक्त उनका निशाना राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर था.
उन्होंने कहा, “जब भी किसी घोटाले में उनके सहयोगियों के शामिल होने की बात सामने आती है, ‘मन की बात’ करने वाला शख्स ‘मौन व्रत’ धारण कर लेता है.”
सोनिया ने कहा, “बड़े स्तर पर गलतियां करने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है और न ही इस संबंध में कोई रचनात्मक चर्चा या अर्थपूर्ण प्रक्रिया का पालन हुआ है.”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पारदर्शिता, ईमानदारी और जवाबदेही का उदाहरण पेश करने का अवसर खो दिया.
सोनिया ने कहा कि संसद की कार्यवाही तभी चल सकेगी जब सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान का इस्तीफा हो जाएगा. उन्होंने सरकार पर ‘बेशर्म रवैया’ अपनाने का आरोप लगाया.
सोनिया ने कहा, “मैं एक बात साफ करना चाहती हूं. हमारे आक्रामक तेवर का अतीत में भाजपा की तरफ से दिखाए गए आक्रामक तेवर से कोई वास्ता नहीं है. हम इस तरह का रुख सरकार के बेशर्म रवैये की वजह से अपनाने पर मजबूर हुए हैं. हम भी चाहते हैं कि सदन चले. लेकिन हमें इसमें कोई शक नहीं है कि गलत काम करने वालों के पद पर बने रहने तक कोई भी सार्थक चर्चा नहीं हो सकेगी.”