चुप्पी तोड़े प्रधानमंत्री: कांग्रेस
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: कांग्रेस ने ललित मोदी मुद्दे पर प्रधानमंत्री से चुप्पी तोड़ने का आग्रह किया है. इस बात के पूरे आसार हैं कि ललित मोदी मुद्दे को लेकर संसद का मानसून सत्र हंगामेदार रहने जा रहा है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा पूर्व आईपीएल प्रमुख ललित मोदी की सहायता के मामले में वह एक नए मामले में फंसती नजर आईं. बुधवार को लीक हुए दस्तावेजों से पता चला है कि सुषमा द्वारा ललित मोदी की मदद के बाद ललित ने उनके पति स्वराज कौशल को नौकरी की पेशकश की थी. कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यहां एक प्रेसवार्ता में कहा, “ललित मोदी ने एक मंत्री के परिवार के सदस्य को नौकरी की पेशकश की थी. उन्होंने ऐसा क्यों किया? हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री इस मामले की पड़ताल करें.”
उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि इस मामले में मौजूद सभी दस्तावेजों को आवश्यक रूप से सार्वजनिक किया जाए. हम सभी को पता चलना चाहिए कि भगोड़ा होने के बावजूद उनकी सहायता कैसे और क्यों की जा रही थी?”
बुधवार को लीक हुए दस्तावेजों से पता चलता है कि ललित मोदी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा उन्हें ब्रिटेन में यात्रा दस्तावेज प्राप्त करने में सहायता करने के कुछ माह बाद सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल को नौकरी की पेशकश की थी.
विवाद वढ़ने के बाद सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल ने यह स्वीकार्य किया है कि उन्हें ललित मोदी ने नौकरी की पेशकश की थी.
स्वराज ने मीडिया को बताया, “मैं 20 साल से अधिक समय से ललित मोदी का वकील हूं. मुझे इंडोफिल के बोर्ड में वैकल्पिक निदेशक के पद की पेशकश की गई थी, लेकिन मैंने इसे स्वीकार्य नहीं किया.”
कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार पर हमले जारी रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया.
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, “प्रधानमंत्री का देश के प्रति कर्तव्य बनता है कि वह इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ें.”
सिंघवी ने कहा, “आप (प्रधानमंत्री) गहरी चुप्पी साधे हुए हैं. वे इस मामले पर बेशर्म बनने का प्रयास कर रहे हैं. हम मांग करते हैं कि चुप्पी तोड़नी चाहिए. यह स्थिति ऐसी है जहां पर आप जितना अधिक छिपाने का प्रयास करते हैं, उनता ही अधिक सच सामने आता जाता है.”
उन्होंने कहा, “तथ्य यह है कि स्वराज ने नौकरी की पेशकश को इसीलिए स्वीकार्य नहीं किया क्यों कि नौकरी प्रासंगिक नहीं थी. भगोड़ा होते हुए विदेश मंत्री के पति को नौकरी की पेशकश करना पर्याप्त नहीं था.”
कांग्रेस नेता ने कहा, “क्या इस पर प्रधानमंत्री की चुप्पी संतोषजनक है. कई मंत्री कह रहे हैं कि यह कोई बुराई नहीं है. इसमें कोई अनियमितता नहीं है. निर्दोष होने का प्रमाणपत्र कौन दे रहा है? भाजपा के मंत्री.”
भाजपा हालांकि सुषमा स्वराज का बचाव कर रही है.
भाजपा के प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा, “स्वराज कौशल जो कि इस मामले में वकील है, उसकी क्षमता को देखते हुए उसे नियुक्ति के लिए ईमेल भेजा जाता है, और वह इस स्वीकार्य भी नहीं करता. अगर कांग्रेस की नजर में यह अनियमितता है तो उन्हें देश में इस तरह के हर दिन होने वाले मामलों में ऐसा ही रुख दिखाने की जरूरत है.”
इससे पहले कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सुषमा से मांग की कि वह ललित मोदी से मुलाकात के मुद्दे पर स्पष्टीकरण दें.
सुरजेवाला ने कहा, “सुषमा स्वराज को देश की जनता को बताना चाहिए कि वह ललित मोदी से कितनी बार मिली और क्या उनके परिवार का कोई सदस्य उनके संपर्क में है.”
सुरजेवाला ने भाजपा सरकार से मांग की कि वह ललित मोदी के मुद्दे पर पूर्व की संप्रग सरकार और ब्रिटेन के अधिकारियों के बीच हुई बातचीत के पत्रों को सार्वजनिक करे.
नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए सुरजेवाला ने कहा, “मौलाना मसूद अजहर से लेकर ललित मोदी तक, कांधार से लेकर लंदन तक, राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार ने इस तरह के लोगों की मानवीय आधार पर सहायता की है.”
सुरजेवाला ने सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस्तीफे की मांग की.
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि मानसून सत्र में संसद की कार्यवाही बाधित होने की उम्मीद है क्योंकि सभी बड़ी पार्टियां ललित मोदी के मुद्दे पर एकजुट हो गई हैं.
इसी बीच ललित मोदी ने दावा किया है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता और लोकसभा सांसद वरुण गांधी ने कुछ साल पहले उनसे लंदन में मुलाकात की थी, और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ मामला सुलझाने की पेशकश की थी.
वरुण गांधी ने हालांकि ललित मोदी से मुलाकात की बात स्वीकार की है, लेकिन उन्होंने किसी भी प्रकार के सौदे की बात से इंकार किया है.
वरुण गांधी के एक सहयोगी ने नाम जाहिर न करने का आग्रह करते हुए कहा, “वरुण जी ने राजस्थान के भरतपुर से विधायक जगत सिंह के साथ तीन साल पहले ललित मोदी से लंदन में मुलाकात की थी. वह लंदन में थे और मुलाकात केवल एक संयोग थी. उनकी सहायता को लेकर न तो कोई सौदा हुआ और न ही इस बारे में कोई बात हुई.”
ललित मोदी ने मंगलवार देर रात श्रंखलाबद्ध तरीके से ट्वीट करते हुए कहा कि वरुण गांधी ने उनसे मुलाकात की थी और सब कुछ सुलझाने का प्रस्ताव दिया था.