भारत, बांग्लादेश साथ-साथ: मोदी
ढाका | समाचार डेस्क: प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को कहा भारत और बांग्लादेश पास-पास ही नहीं साथ-साथ भी हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा बांग्लादेश की उनकी यात्रा समाप्त नहीं हुई है बल्कि शुरु हुई है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों द्वारा मंजूर किया गया भूमि सीमा समझौता दिलों को जोड़ने वाला समझौता है. ढाका विश्वविद्यालय में बुद्धिजीवियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, “अगर एक वाक्य में मैं इन संबंधों का वर्णन करूं तो लोग सोचेंगे कि हम केवल पास-पास हैं, लेकिन अब दुनिया को यह भी स्वीकार करना होगा कि हम पास-पास ही नहीं बल्कि साथ-साथ भी हैं.”
दोनों देशों द्वारा शनिवार को मंजूर किए भूमि सीमा समझौते पर मोदी ने कहा कि यह केवल भूमि का विवाद नहीं था जिसे सुलझा लिया गया है, बल्कि यह दिलों को जोड़ने वाला समझौता था.
उन्होंने कहा कि एक ओर जहां दुनिया में इलाकों पर कब्जे को लेकर लड़ाई होती है, भारत बुद्ध की धरती है यहां पर कोई युद्ध नहीं हो सकता. उन्होंने कहा, “भारत और बांग्लादेश ऐसे दो देश हैं जिन्होंने भूमि को घनिष्ठ रिश्तों की डोर बनाया है.”
उन्होंने एक समाचार पत्र में प्रकाशित आलेख का भी हवाला दिया जिसमें एलबीए को बर्लिन की दीवार ढहाने के समान दिखाया गया था.
महिला सशक्तीकरण, लैंगिक समानता, शिक्षा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता के लिए भारत का समर्थन और उसकी युवा आबादी आदि विभिन्न मुद्दों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यद्यपि उनका दो दिवसीय दौरा समाप्त हो गया है, लेकिन, “मुझे लगता है कि यात्रा अभी शुरू हुई है.”
उन्होंने कहा, “मेरा बांग्लादेश के साथ भावनात्मक रिश्ता है.”
मोदी ने अपना भाषण बांग्ला में शुरू करते हुए कहा, कैसे हैं आप, हम आपको साथ लेकर चलना चाहते हैं, मेरी बांग्ला कैसी है.
उन्होंने कहा कि उनका भव्य स्वागत वास्तव में 125 करोड़ भारतीयों का स्वागत है.
उन्होंने कहा कि वह विशेष रूप से खुश हैं क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को बांग्लादेश स्वतंत्रता युद्ध सम्मान से सम्मानित किया गया. बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने बंगबंधु की बेटी प्रधानमंत्री शेख हसीना की मौजूदगी में मोदी को यह सम्मान सौंपा.
उन्होंने कहा कि वह बांग्लादेश की स्वतंत्रता के समर्थन में बुलाए गए सत्याग्रह में शामिल हुए थे. यह उनका पहला राजनीतिक प्रदर्शन था.
बांग्लादेश में विकास की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के राज्यों को शिशु मृत्यु दर, पोषण, बालिकाओं, और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में बांग्लादेश की उपलब्धियों से सीखना चाहिए.
उन्होंने कहा, “सूरज पहले बांग्लादेश में उदित होता है उसके बाद भारत में, इसीलिए बांग्लादेश के विकास की किरणें भारत पर भी पड़ेंगी.”
मोदी ने कहा कि विकास का उनकी दूरदृष्टि और शेख हसीना की दूरदृष्टि पूरी तरह से मेल खाती है.