32 की सनी लियोन और 57 के रविशंकर
नई दिल्ली: पोर्न स्टार सनी लियोन 32 साल की हो गईं और उन पर मीडिया में ढेर सारी खबरें छाई रहीं लेकिन जिस दिन सनी लियोन 32 साल की हुईं, उसी दिन भारतीय आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर 57 साल के हुये. लेकिन कथित मुख्यधारा की मीडिया में यह खबर कहीं नहीं थी.
पोर्न स्टार सनी लियोन की खबर को पेश किये जाने और उसे पढ़े जाने के ढेर सारे निहितार्थ हैं लेकिन आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता श्री श्री रविशंकर को अलक्षित किये जाने के भी निहितार्थ को समझने की जरुरत है. यह ठीक है कि बाजार आज की तारीख में बिकने-टिकने और टिकने-बिकने के खेल में उलझा हुआ है लेकिन जब बात आध्यात्मिकता की हो तो भी भारत के दावे कहीं कमज़ोर नहीं होने की बात कही जाती है. जाहिर है, मीडिया का यह रुख इसकी असलियत को उजागर कर देता है.
श्री श्री रविशंकर का जन्म तमिलनाडु में 13 मई 1956 को हुआ. उनके पिता का नाम व वेंकेट रतनम था, जो भाषाविद् थे. उनकी माता श्रीमती विषलक्षी सुशील महिला थीं. आदि शंकराचार्य से प्रेरणा लेते हुए उनके पिता ने उनका नाम शंकर रखा गया.
शंकर शुरू से ही आध्यात्मिक प्रवृत्ति के थे. मात्र चार साल की उम्र में वे भगवदगीता के श्लोकों का पाठ कर लेते थे. बचपन में ही उन्होंने ध्यान करना शुरू कर दिया था. उनके शिष्य बताते हैं कि फीजिक्स में अग्रिम डिग्री उन्होंने 17 वर्ष की आयु में ही ले ली थी. शंकर पहले महर्षि महेश योगी के शिष्य थे. उनके पिता ने उन्हें महेश योगी को सौंप दिया था. अपनी विद्वता के कारण शंकर महेश योगी के प्रिय शिष्य बन गये.
रविशंकर लोगों को सशुल्क सुदर्शन क्रिया सिखाते हैं. इसके बारे में वो कहते हैं कि 1982 में दस दिवसीय मौन के दौरान कर्नाटक के भद्रा नदी के तीरे लयबद्ध सांस लेने की क्रिया एक कविता या एक प्रेरणा की तरह उनके जेहन में उत्तपन्न हुई. उन्होंने इसे सीखा और दूसरों को सिखाना शुरू किया.
1982 में श्री श्री रवि शंकर ने आर्ट आफ लिविंग की स्थापना की. यह शिक्षा और मानवता के प्रचार प्रसार के लिए सशुल्क कार्य करती है. 1997 में ‘इंटरनेशनल एसोसियेशन फार ह्यूमन वैल्यू’ की स्थापना की जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर उन मूल्यों को फैलाना है, जो लोगों को आपस में जोड़ती है.