जलजले ने नेपाल में 57 जाने ली
काठमांडू | एजेंसी: नेपाल में मंगलवार को दुबारा आये भूकंप से 57 जाने गई तथा 850 घायल हो गये हैं. पिछले महीने आए विनाशकारी भूकंप की त्रासदी से उबरने की कोशिशों में लगा नेपाल मंगलवार को आए भूकंप के ताजा झटकों से एकबार फिर कांप उठा. मंगलवार अपराह्न आए 7.3 तीव्रता के भूकंप के कारण नेपाल में कम से कम 57 लोगों की मौत हो गई तथा 850 से अधिक लोग घायल हो गए.
भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.3 मापी गई और इसका केंद्र कोदारी था, जिसके कारण जर्जर इमारतें भरभरा कर गिर पड़ीं और मलबे के ढेर में तब्दील हो गईं.
अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक रपटों के मुताबिक, दोलखा में 19, सिंधुपालचौक में चार तथा राजधानी काठमांडू में तीन लोगों की मौत हो गई है, हालांकि इससे अधिक ब्यौरा अभी नहीं मिल पाया है.
भूकंप के झटकों से इमारते हिलने लगीं और भय के मारे लोग इमारतों से दौड़ते हुए बाहर निकलकर खुली जगहों और पार्को में चले गए.
अपनी बेटी को कसकर पकड़े एक प्रत्यक्षदर्शी महिला ने बताया, “यह भयावह था. यह पिछली बार से भी अधिक डरावना था.”
इसके बाद भूकंप के छह और झटके महसूस किए गए. इनमें से चार झटकों का केंद्र कोदारी ही था और भूकंप के बाद आए झटकों में सबसे तेज झटके की तीव्रता 6.3 मापी गई.
नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोईराला ने कहा कि सरकार ने प्रभावित इलाकों में खोजी, राहत एवं बचाव दल तैनात कर दिए हैं.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आश्वासन दिया है कि उन्होंने अधिकारियों को राहत एवं बचाव अभियान के लिए सजग रहने के लिए कह दिया है.
भारतीय प्रधानमंत्री कार्यालय से किए गए ट्वीट के अनुसार, “नेपाल और भारत के कुछ हिस्सों में आए भूकंप के ताजा झटकों के बाद प्रधानमंत्री ने एक उच्चस्तरीय बैठक कर स्थिति का जायजा लिया.”
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष एल. एस. राठौर ने कहा है कि अगले कुछ सप्ताह या महीनों तक भूकंप के झटकों का आना जारी रह सकता है.
भारत में भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, लखनऊ, जयपुर, अमृतसर, कोलकाता और उत्तरी हिस्से में गुवाहाटी में भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूंकप के कारण देश के दक्षिणी राज्य केरल की राजधानी कोच्चि में भी इमारतें हिल उठीं.
नेपाल की राजधानी काठमांडू में एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया उसने अपनी आंखों के सामने एक इमारत को गिरते देखा.
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि उसने सवारियों से भरी एक टैक्सी पर इमारत के मलबे को गिरते देखा. टैक्सी में सवार लोगों के बारे में हालांकि अभी कोई जानकारी नहीं मिल सकी है.
भूकंप के बाद से ही काठमांडू में बिजली गुल है. इंटरनेट कनेक्शन भी ध्वस्त हो गए हैं.
लोग एक-दूसरे के बारे में जानने के लिए उतावले दिखे और मोबाइल से कॉल करने की कोशिश की लेकिन मोबाइल नेटवर्क भी बुरी तरह बाधित हुआ है.
काठमांडू हवाईअड्डे को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया, क्योंकि एटीसी कर्मचारी टॉवर से भागकर बाहर चले आए. हालांकि कुछ देर बाद फिर से हवाईअड्डे पर उड़ानों का संचालन सामान्य हो गया.