प्रसंगवश

व्यंग: एक कुत्ते का विरोध पत्र

प्रिय अभिजीत जी, भौ-भौ, आज आपके द्वारा देश के गरीबों की तुलना कुत्तों से किये जाने से सभी कुत्ते आपसे नाराज़ हैं. नाराज़ इसलिये नहीं कि किसी को कुत्ता कहा, नाराज़ इसलिये कि आपने गरीबों को कुत्ता कहा. वह भी उन गरीबों को जो रात को फुटपाथ की पनाह लेते हैं. उस वक्त उन फुटपाथों पर कोई नहीं चलता. उस पर यदि गरीब सोते हैं तो किसी का क्या बिगड़ जाता है. देश में गरीबी, गरीबों की नहीं व्यवस्था की देन है जो महलों को आकार देने वाले गरीबों को रहने के लिये एक छत तक मुहैय्या नहीं करा सकता.

आपके मानव समाज में यह कैसा विचित्र न्याय है कि कोई तो गर्मी के दिनों में ठंडे कमरे में कंबल ओढ़ कर सोता है वहीं गरीब बेचारे कड़कड़ाती ठंड में बिना किसी चादर के ही सो लेते हैं. अब कोई शराबी यदि उन पर आ चढ़े तो दोष किसका है, शराबी का या फुटपाथ पर सोने वालों का?

आपके मानव समाज के ही न्यायालय ने शराबी को गुनहगार करार दिया है तो आप अपनी खीज हम कुत्तों पर निकाल रहें हैं. वैसे खबरीलाल की खबर है कि आजकल आपके पास ज्यादा काम-धाम-नाम नहीं है इसलिये आपका खीजना जायज़ है. दूसरी बात खबरीलाल ने यह बताई कि नये-नये पत्रकार तो आपका न ही नाम जानते हैं न ही चेहरा पहचानते हैं. क्या खूब तीर मारा है आपने कि आपके ट्वीट के बाद से आप सोशल मीडिया पर सलमान खान से भी ज्यादा छा गयें हैं.

दूसरी बात आपने कही है कि कुत्ते की मौत मरेगा. क्या वाकई में किसी कुत्ते के मरने का तरीका आपके मानव समाज में तुच्छ माना जाता है. याद रखियेगा कि जब कोई कुत्ता मरता है तो उसकी विरासत को लेकर कोई झगड़ा या मन-मुटाव नहीं होता है. न ही कुत्ते-कुत्ते के मरने में फर्क किया जा सकता है. खबरीलाल ने बताया कि आपके मानव समाज में राजा और रंक के मरने में फर्क होता है. राजा, राजमहल में तो रंक सड़कों में मारा जाता है. कहने का मतलब है कि राजा मरता तथा रंक मारा जाता है. क्या खूब नजारा पेश किया है आपके समाज ने.

तीसरी आपकी जिस बात से वाकई में आप पर तरस आता है वह है कि आपने सड़कों को गरीबों के बाप का नहीं माना है. सड़क तो उनकी जागीर है जो लाखों रुपयों की कार उस पर चलाते हैं तथा कभी-कभी दारू पीकर, बेवड़ा बनकर सड़क को छोड़कर फुटपाथ पर गाड़ी चढ़ा देते हैं. यह सच है कि रोड का टैक्स गाड़ी वाले ही देते हैं पर क्या पैदल चलने वाले या रात को उस पर सोने वालों का इस देश के सड़कों पर कोई अधिकार नहीं है?

मुझे खबरीलाल ने बताया है कि देश की सीमा की रक्षा करते हुये इसी गरीब का बेटा मारा जाता है. आप जैसे अमीर तो उसे टीवी पर देखकर आंसू बहाया करते हैं. बहरहाल, आप जैसे से ज्यादा मुंह लगने से मुझे कुत्ता समाज द्वारा बहिष्कृत कर दिया जायेगा इसलिये अंतिम बात कहे देता हूं. अखिल भारतीय कुत्ता महासभा ने निर्णय लिया है कि आज के बाद से कोई कुत्ता टांग उठाकर आपकी गाड़ी वगैरह पर सूसू भी नहीं करेगा.

सादर, भौ-भौ.

error: Content is protected !!