छग ने अपनाया जिसने शराबी को ठुकराया
रायपुर | बीबीसी: शराबी से विवाह करने से मना करने वाली उर्मिला महिला सशक्तिकरण की ब्रांड एंबेसेडर बनेगी. छत्तीसगढ़ में शराबी दूल्हे के साथ चार फेरे लेने के बाद शादी से इंकार करने वाली उर्मिला सोनवानी की जीवनी पाठ्यक्रम में शामिल की जाएगी.
इसके अलावा उर्मिला सोनवानी के इस क़दम को सरकार प्रचारित-प्रसारित करेगी.
राज्य सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए पहले ही उर्मिला को अपना ब्रांड एंबेसेडर बनाने की घोषणा की है.
गौरतलब है कि गरियाबंद ज़िले के लाटापारा गांव की उर्मिला ने पिछले महीने शादी के फेरे लेते समय अपनी शादी तोड़ कर बारात को वापस भेज दिया था.
वर नशे में इतना धुत्त था कि उसे फेरे के लिये दो लोगों ने थाम रखा था.
उर्मिला के पिता रामधनी ने बेटी की शादी के लिए ज़मीन बेच कर तैयारी की थी, लेकिन वो अपनी बेटी के फैसले के साथ खड़े रहे.
राज्य सरकार ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए सोनवानी को नशामुक्ति अभियान से जुड़ने का प्रस्ताव दिया.
शुक्रवार को रायपुर से लगभग 230 किलोमीटर दूर उर्मिला को सम्मानित करने उनके गांव लाटापारा पहुंची राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री रमशीला साहू ने कहा, “हमें ऐसी बेटियों पर नाज़ है और इसलिये ही हमने उर्मिला को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया है.”
उन्होंने उर्मिला के माता-पिता के पैर छुए और उर्मिला समेत सबको सम्मानित किया.
उर्मिला ने कहा कि वह नशामुक्ति अभियान के लिए राज्य भर में अभियान चलाएंगी और लड़कियों-महिलाओं को शराब के खिलाफ लड़ने के लिये प्रेरित करेंगी.
बकौल उर्मिला, “शादी को लेकर मैं काफी ख़ुश थी लेकिन शराब पीने वाले से शादी नहीं करने के अपने फैसले से मैं कहीं अधिक ख़ुश हूं. मेरी ज़िंदगी बर्बाद होने से बच गई.”
इसी सप्ताह दुर्ग ज़िले के पुलगांव की मेमिन यादव ने भी शराब के नशे में हुड़दंग मचा रहे बारातियों और वर की हरकतें देख कर शादी से इंकार कर दिया था.
महिला मुद्दों पर काम करने वाली सत्यभामा अवस्थी का कहना है कि दोनों ही घटनाएं ग्रामीण इलाकों की हैं और लड़कियों का यह साहस चकित करने वाला है.
वे लड़कियों की प्रशंसा करते हुए सवाल खड़ा करती हैं, “लड़कियों को ब्रांड एंबेसडर बनाने के बजाये कितना अच्छा होता कि राज्य सरकार जिस तरीक़े से शराब बिक्री कर रही है, उसमें कोई कमी करती. यह सरकार के दोहरे चरित्र को उजागर करता है.”