तोता सीबीआई बोलता है मालिक की ज़ुबान
नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के कामकाज में केंद्र सरकार के हस्ताक्षेप पर तल्ख ऱुख अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है कि सीबीआई पिंजरे में बंद तोते के समान है जो अपनी मालिक यानी केंद्र सरकार की मर्जी से बोलता है. उच्चतम न्यायालय के अनुसार सीबीआई एक स्वायत्त संस्था है और उसे अपनी स्वायत्ता बरकरार रखनी चाहिए.
कोयला घोटाला मामले में सीबीआई द्वारा दाखिल किए गए हलफनामे पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई का काम सरकारी अधिकारियों से पूछताछ करना नहीं बल्कि सच्चाई पता लगाना है. सुप्रीम कोर्ट के अनुसार सीबीआई ने इस कानूनी मुद्दे को राजनीतिक बना कर गलती की है.
सर्वोच्य न्यायालय ने कहा है कि केन्द्र सरकार सीबीआई के कामकाज में दखल न दे और न ही किसी मंत्री को हक है कि वो ऐसा करे. शीर्ष न्यायालय ने यह भी पूछा है कि क्या सीबीआई को स्वतंत्र बनाने के लिये नया कानून लाया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले यूपीए सरकार को सांसत में डालते हुए सीबीआई ने अपने हलफनामे में स्वीकार किया था कि कोयला आवंटन घोटाला मामले में क़ानून मंत्री अश्विनी कुमार ने उसके द्वारा तैयार की गई स्टेटस रिपोर्ट में बदलाव किए थे.