कलारचना

विवाद की जड़ कल्याण ज्वेलर्स

नई दिल्ली | मनोरंजन डेस्क: ऐश्वर्य राय बच्चन के विज्ञापन के विवाद की जड़ दरअसल कल्याण ज्वेलर्स है. जिसने अपने ज्वेलरी के राजसी वैभव दिखाने को दिखाने के फेर में कथित तौर पर नस्लवादी मानसिकता का प्रदर्शन किया. ऐश के फोटो शूट में केवल ऐश ही है जो कल्याण ज्वेलर्स के गहने पहने हुई है. लेकिन उसका विज्ञापन बनाये समय उसके पीछे एक अश्वेत बच्चे को छाता पकड़े दिखा दिया गया है. सतरवहीं शताब्दी से अश्वेतों को गुलाम बनाया जाता रहा है तथा उनसे सेवा करवाई जाती रही है. 21वीं सदी के लिये ज्वेलरी का विज्ञापन करते समय कल्याण ज्वेलर्स ने उसी सतरवहीं सदी के गुलाम तथा नस्लवादी मानसिकता को प्रदर्शित कर ऐश को विवादों में घसीट लिया. अब ऐश्वर्या के विज्ञापन पर मचे बवाल के बीच कल्याण ज्वेलर्स ने गुरुवार को उस विज्ञापन को वापस लेने के फैसले की घोषणा की है, जिसे कार्यकर्ताओं के समूह ने ‘नस्लभेदी’ करार दिया था. कल्याण ज्वेलर्स के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, “हमारा इरादा राजसी गौरव, कालातीत सुंदरता व भव्यता को प्रदर्शित करना था. अनजाने में अगर हमसे किसी व्यक्ति या संगठन की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो हम इसके लिए खेद व्यक्त करते हैं.”

बयान के मुताबिक, “अपने अभियान से हमने इस रचना को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.”

विज्ञापन को वापस लेने की यह प्रक्रिया ऐश्वर्या राय बच्चन को लिखे उस खुले पत्र के बाद आई है, जिसमें कहा गया था, “आपका यह विज्ञापन नस्लभेद को दर्शाता है.”

यह पूरा बवाल कल्याण ज्वेलर्स द्वारा ऐश्वर्या राय के उस विज्ञापन पर मचा है, जिसमें ऐश्वर्या ज्वेलरी पहने दिख रही हैं और एक अश्वेत बच्चा छाता पकड़े खड़ा है.

पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ऐश्वर्या राय के प्रचारक ने बुधवार को वास्तविक शूट की एक तस्वीर जारी की थी और दावा किया था कि अंतिम लेआउट ब्रांड की क्रिएटिव टीम का विशेषाधिकार होता है.

प्रचारक का यह बयान फराह नकवी, निशा अग्रवाल, एनाक्षी गांगुली, भारती अली, मधु मेहरा, शांता सिन्हा, हर्ष मंदर तथा मृदुला बजाज को संबोधित था, जिनके हस्ताक्षर ऐश्वर्या के खिलाफ एक ऑनलाइन पोर्टल जारी किए गए पत्र पर थे.

उल्लेखनीय है कि ऐश्वर्या रॉय कल्याण ज्वेलर्स की नेशनल एंबेस्डर हैं. जाहिर है कि सबसे सुंदर विश्व सिंदरी के खिताब से नवाज़े गये ऐशवर्य राय बच्चन की छवि को कल्याण ज्वेलर्स के विज्ञापन से ठेस पहुंची है.

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