अचानकमार का मुख्यालय लोरमी में
बिलासपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में अचानकमार टाइगर रिजर्व का मुख्यालय लोरमी में बनेगा. अभी यह बिलासपुर में है. मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मंगलवार को इसकी घोषणा की. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह प्रदेश व्यापी लोक सुराज अभियान के तहत आज दोपहर मुंगेली जिले के अंतर्गत ग्राम पंचायत अखरार के आश्रित गांव बांकल पहुंचे. उन्होंने वहां तेन्दू पेड़ की छांव में चौपाल लगाकर ग्रामीणों से शासकीय योजनाओं और उनकी विभिन्न जरूरतों के बारे में विचार-विमर्श किया.
यह गांव अचानकमार टाइगर रिजर्व वन क्षेत्र के अंतर्गत बोकरा कछार इलाके में स्थित है, जहां अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अनेक भू-विस्थापित परिवारों को पुनर्वास नीति के तहत 5 साल पहले बसाया गया है. बांकल के अलावा निकटवर्ती ग्राम कारीडोंगरी (बोकराकछार) और सांभरधसान में भी कई अचानकमार वन क्षेत्र के भू-स्थापित परिवारों को बसाया गया है.
इन विस्थापितों की हालत बेहद खराब है और पिछले 5 सालों में सरकार ने जितने भी वादे किये थे, उनमें से अधिकांश सरकार पूरी नहीं कर पाई है. जंगल के जानवरों को बचाने के नाम पर इन आदिवासियों को जंगल से बेदखल कर के के उनकी हालत जानवरों से भी बद्दतर कर दी गई है. आज मुख्यमंत्री उन्हीं विस्थापितों की बात सुनने पहुंचे थे. ग्रामीण पिछले 5 साल में पहली बार मुख्यमंत्री को अपने बीच पा कर चकित थी.
डॉ. सिंह ने चौपाल में ग्रामीणों से चर्चा के बाद बांकल में प्राथमिक शाला के लिए अतिरिक्त कमरा निर्माण स्वीकृति प्रदान करने, सिंचाई और पेयजल सुविधा के लिए तीनों गांवों में सौर ऊर्जा पम्पों की स्थापना, क्षेत्र में जल संसाधन विभाग की ओर से सिंचाई सुविधा के लिए तालाब (डबरी) निर्माण और वन अधिकार मान्यता पत्र धारक किसानों को आवंटित जमीन को खेती योग्य बनाने के लिए मनरेगा के तहत समतलीकरण की भी मंजूरी देने का ऐलान किया.
इस इलाके में बसाये गये अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र के भू-विस्थापितों के वन पट्टों को पांच साल बाद भी राजस्व पट्टे में परिवर्तित नहीं किया गया था, मुख्यमंत्री ने इसे लेकर अधिकारियों को निर्देश दिये. उन्हें सिंचाई सुविधा, खाद और बीज के लिए बैंकों से ऋण सुविधा भी दिलायी जाएगी. उन्होंने ग्राम खुड़िया से आंवरापानी तक लगभग 20 किलोमीटर सड़क निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत करवाने का भी आश्वासन दिया.
डॉ. सिंह ने जिला कलेक्टर को इस गांव में एक सप्ताह के भीतर जनसमस्या निवारण शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने क्षेत्रीय विधायक श्री तोखन साहू और ग्रामीणों के आग्रह पर अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र के वर्तमान मुख्यालय को बिलासपुर से तहसील मुख्यालय लोरमी लाने का ऐलान किया. डॉ. सिहं ने कहा कि वन क्षेत्र के विस्थापित परिवारों के मकानों की सुरक्षा के लिए परपेटवाल और सीढ़ियों का निर्माण भी किया जाएगा.
मुख्यमंत्री राजधानी रायपुर से हेलीकाप्टर द्वारा मुख्य सचिव विवेक ढांड और संयुक्त सचिव रजत कुमार को साथ लेकर सबसे पहले इस गांव में पहुंचे. लोरमी के विधायक तोखन साहू, मुंगेली जिला पंचायत सदस्य रामेश्वर बंजारे और जिला कलेक्टर डॉ. संजय अलंग भी वहां पहले से पहुंचे हुये थे.