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राष्ट्रपति शासन नहीं समर्थन मांगने आया हूं: मांझी

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: बिहार के मुख्यमंत्री मांझी ने स्पष्ट किया कि वे दिल्ली भाजपा से समर्थन मांगने आये हैं राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा करने नहीं. मांझी ने बिहार विधानसभा को भंग करने या राष्ट्रपति शासन लगाने की बात सिरे से खारिज कर दी है. जीतन राम मांझी ने सोमवार को इससे इंकार किया कि उनकी मंशा राज्य में विधानसभा भंग करने या राष्ट्रपति शासन लागू करने की अनुशंसा करने की है. मांझी ने कहा कि वह दिल्ली केंद्र सरकार के मंत्रियों से मिलने आए हैं, न कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से मिलने के लिए.

उन्होंने कहा, “मेरा उद्देश्य विधानसभा भंग करने या राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा करने का नहीं है. मैं यहां भाजपा के नेताओं से मिलने नहीं आया हूं, बल्कि मैं केंद्र सरकार के मंत्रियों से मिलने आया हूं. यह उन पर निर्भर करता है कि वे मुझे समर्थन देते हैं या नहीं.”

बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल युनाइटेड ने नौ फरवरी को मांझी को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण जदयू से निलंबित कर दिया था.

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में जदयू के खराब प्रदर्शन के बाद नीतीश कुमार ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने मांझी को मुख्यमंत्री के लिए चुना था. लेकिन मांझी ने नीतीश के खिलाफ विद्रोह कर दिया, जिसके बाद जदयू के विधायकों ने नीतीश को अपना नेता चुना.

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