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स्थायी समाधान के लिये मछुआरा नीति बनायें

इस्लामाबाद | समाचार डेस्क: भारत-पाक के बीच मछुआरों की गिरफ्तारी के स्तायी समाधान के लिये मछुआरा नीति बनाये जाने की मांग पाकिस्तान के मछुआरों ने की है. उल्लेखनीय है कि भारत तथा पाकिस्तान द्वारा अपने समुद्री सीमा का अतिक्रमण करने के कारण एक दूसरे को देश के मछुआरों को गिरफ्तार किया जाता है. समुद्र में कोई सीमा रेखा न होने मछली पकडने निकले मछुआरे गलती से दूसरे देश के समुद्री सीमा के भीतर घुस जाते हैं. पाकिस्तान फीशरफॉल्क फोरम ने मांग की है कि मछुआरों को गिरप्तार न किया जाये. पाकिस्तान में एक संगठन ने भारत और पाकिस्तान द्वारा मछुआरों को हिरासत में लेने के स्थायी मुद्दे का योग्य समाधान तलाशने की अपील की है और दोनों पड़ोसी मुल्कों के अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है उन्हें मानवीय आधार पर अविलंब रिहा किया जाए.

समाचार पत्र डॉन के मुताबिक, पाकिस्तान फीशरफॉल्क फोरम ने कहा है, “दोनों देशों के बीच ‘मछुआरों की गिरफ्तारी नहीं’ नीति तैयार की जानी चाहिए जिसके तहत मछली मारने के दौरान मछुआरों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.”

रविवार की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय जेलों में 247 पाकिस्तानी मछुआरे बंद हैं.

इस बीच पाकिस्तान सरकार ने बंदरगार शहर कराची के मलीर जिला जेल में बंद 172 भारतीय मछुआरों को रिहा करने का हुक्म दिया है. इन मछुआरों को पाकिस्तान की जल सीमा लांघने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

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