कलारचना

‘पीके’, ‘पीके’ न हुआ लोकसभा चुनाव हो गया

मुंबई | मनोगंजन डेस्क: ‘पीके’ के रिलीज होने से पहले जितना हंगामा हो रहा है उससे लगता है कि मानो फिर से लोकसभा का चुनाव आ गया है जिसमें आमिर खान चुनाव लड़ रहें हैं. ‘पीके’ पीके न हुआ मानो चुनाव क्षेत्र हो गया जिसमें आमिर खान से लेकर संजय दत्त तथा अनुष्का शर्मा सभी चुनाव लड़ रहें हैं. ऐसा लगता है कि इस चुनाव के लिये राजकुमार हिरानी भारी धन खर्च कर रहें हैं. ‘पीके’ के पहले पोस्टर ने समाज जो बहस छेड़ दी उसका लाभ फिल्म को जरूर होगा. आमिर खान जैसे दिग्गज हीरों ने बिना कपड़ों के जिस फिल्म का पोस्टर बनवाया हो उसका बॉक्स ऑफिस में सफल रहना निश्चित है. आज ही खबर आई है कि ‘पीके’ की टीम इसके टिकट के दाम को नहीं बढ़ाने जा रही है. इससे दर्शकों में अच्छा संदेश जायेगा तथा दर्शक 19 दिसंबर को ‘पीके’ देखने के लिये उमड़ पड़ेंगे.

जिस तरह से 2014 के लोकसभा चुनाव के समय भारत में चुनाव प्रचार किया गया उसने पुराने सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिये थे. ठीक उसी तरह से ‘पीके’ के प्रमोशन ने फिल्मों के प्रमोशन के सभी रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया है. आमिर खान तथा अनुष्का ने मुंबई के अलावा पटना, लखनऊ तथा छत्तीसगढ़ तक में इसके प्रमोशन में कोई कोताही नहीं बरती.

एक-एक करके ‘पीके’ के बारे में रोज-बरोज कुछ ना कुछ आमिर खान बताते रहे. पहले बताया गया कि फिल्म की शूटिंग में आमिर खान ने कितने पान दिन में खाये. उसके बाद बताया गया कि ‘पीके’ में आमिर का किरदार भोजपुरी बोलता है. ‘पीके’ में आमिर खान ने जिन कपड़ों को पहना है उसे राहगीरों से मांगकर लाया गया है.

कहीं ऐसा न हो कि लोकसभा चुनाव के समान ‘पीके’ पर भी सट्टे लगना न शुरु हो जाये. मानो ‘पीके’, ‘पीके’ न हुआ वर्ष 2014 का सबसे बड़ा नाम हो गया.

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