पाकिस्तान छोड़ेंगे मुशर्रफ
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ क्या पाकिस्तान से फिर वापस चले जायेंगे? चितराल से भी उनका नामांकन चुनाव ट्रिब्यूनल द्वारा खारिज किये जाने के बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है. उन्होंने कराची, इस्लामाबाद, कसूर और चितराल से नामांकन भरा था. लेकिन कराची, इस्लामाबाद और कसूर से उनका नामांकन पहले ही रद्द हो चुका है. अब मंगलवार को चितराल से भी उनका नामांकन रद्द होने के बाद मुशर्रफ की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
हालांकि जनरल परवेज मुशर्रफ इस चुनाव में अपनी हिस्सेदारी की एक अंतिम कोशिश कर रहे हैं. परवेज मुशर्रफ़ के वकील अहमद रज़ा कसूरी का कहना है कि हाईकोर्ट ने मुशर्रफ की याचिका ख़ारिज कर दी है लेकिन हम सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे. ये और बात है कि कानून के जानकार मान कर चल रहे हैं कि जिस आधार पर मुशर्रफ का चुनाव नामांकन खारिज हुआ है, उस आधार पर सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत मिलने की उम्मीद कम ही है. ऐसे में पाकिस्तान में बिना किसी सत्ता के रहना मुशर्रफ के लिये परेशानी का सबब बन सकता है.
गौरतलब है कि जनरल परवेज मुशर्रफ़ ने एक सैन्य कार्रवाई के ज़रिए 1999 में पाकिस्तान सत्ता पर क़ब्ज़ा कर लिया था और 2008 तक इस पर क़ाबिज़ रहे थे. लेकिन 2008 में हुए आम चुनाव के बाद पीपीपी के नेतृत्व में सरकार बनी तो मुशर्रफ को महाभियोग का डर सताने लगा. इसके बाद वे विदेश चले गये थे. पांच सालों के बाद वे पिछले महीने ही पाकिस्तान चुनाव में भाग लेने के लिये लौटे थे. लेकिन अब उनकी यह कोशिश भी नाकामयाब हो गई है.