मैरी कोम ने दिलाया स्वर्ण
इंचियोन | समाचार डेस्क: मुक्केबाजी में सरिता के साथ हुए अन्याय का बदला मैरी कोम ने स्वर्ण जीतकर लिया. पुरस्कार वितरण समारोह के बाद मैरी कोम ने कहा कि वह रेफरियों की गलती के कारण पदक से महरूम की गईं अपनी साथी सरिता और अपने तीन बच्चों के लिए स्वर्ण जीतना चाहती थीं, जो अपनी एक खिलाड़ी मां से काफी समय तक दूर रहते हैं.
गौरतलब है कि भारत की अग्रणी महिला मुक्केबाज एमसी मैरी कोम ने बुधवार को शानदार प्रदर्शन करते हुए 17वें एशियाई खेलों की फ्लाईवेट वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किया. पांच बार की विश्व चैम्पियन और लंदन ओलम्पिक में कांस्य जीतने वाली मैरी कोम ने सियोनहाक जिम्नेजियम में हुए फाइनल मुकाबले में कजाकिस्तान की झाएना शेकेरबेकोवा को 2-0 से हराया.
एशियाई खेलों में मैरी कोम का यह पहला स्वर्ण पदक है. साथ ही यह इंचियोन खेलों में भारत का सातवां स्वर्ण है.
मोरक्को के जज द्वारा दोनों खिलाड़ियों को 38-38 अंक दिए जाने के बाद मैरी कोम ने यह मुकाबला 2-0 से जीता.
अर्जेंटीना जज ने मैरी कोम को 37 के मुकाबले 39 अंक दिए जबकि फिनलैंड के जज ने भी मैरी कोम को इसी अंतर से आगे बताया.
अपने वर्ग में विश्व की पांचवीं वरीय मुक्केबाज मैरी कोम ने मंगलवार को हुए सेमीफाइनल में वियतनाम की थी बांग ली को 3-0 से हराया था.
इससे पहले मैरी कोम ने क्वार्टर फाइनल में चीन की हैजुआन शी को 3-0 से और प्री-क्वार्टर फाइनल में कोरिया की येजी किम को भी इसी अंतर से हराया था.
भारत ने अब तक कुल सात स्वर्ण, आठ रजत और 32 कांस्य पदक जीते हैं. वह पदक तालिका में 10वें क्रम पर है. सर्वाधिक पदकों के लिहाज से भारत तालिका में पांचवें क्रम पर है.
मैरी कोम ने कहा, “मेरे लिए इस पदक के कई मायने हैं. मैं सरिता के आंसू नहीं देख पा रही थी. उनके साथ अन्याय हुआ है और इसी अन्याय का प्रतीकात्मक बदला लेने के लिए मैं हर हाल में स्वर्ण जीतना चाहती थी. साथ ही मैं अपने तीन बच्चों-रेचुंगवर, खापूनीवर और प्रिंस चुंगथानग्लेन कोम के लिए पदक जीतना चाहती थी. मेरे खिलाड़ी होने की कीमत मेरे बच्चे चुकाते हैं. उन्हें छुटपन में ही अपना मां से लम्बे समय तक दूर रहना होता है. यह पदक उनके लिए है.”
एशियाई खेलों में मैरी कोम का यह पहला स्वर्ण पदक है. साथ ही यह इंचियोन खेलों में भारत का सातवां स्वर्ण है. भारत ने अब तक कुल सात स्वर्ण, आठ रजत और 32 कांस्य पदक जीते हैं. वह पदक तालिका में 10वें क्रम पर है. सर्वाधिक पदकों के लिहाज से भारत तालिका में पांचवें क्रम पर है.