रवींद्र जैन को छत्तीसगढ़ में सुकून
रायपुर | एजेंसी: रवीन्द्र जैन को छत्तीसगढ़ आकर सुकून मिलता है. गायक एवं संगीतकार रवींद्र जैन का कहना है कि संगीत में शार्टकट तरीका काम नहीं आता, इसमें धैर्य और साधना से ही प्रसिद्धि मिलती है. उनका कहना है कि वे छत्तीसगढ़ की संस्कृति से काफी प्रभावित हैं. उन्हें रायपुर आकर सुकून मिलता है. जेसीआई रायपुर नोबल के नेत्रदान कार्यक्रम में आए संगीतकार जैन ने कहा, “इधर पांच-दस वर्षो से संगीत के क्षेत्र में काफी परिवर्तन आया है. संगीत के नए उपकरण और तकनीक का ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है, यानी सबकुछ शॉर्टकट में.. मगर इसका फायदा और नुकसान दोनों है.”
उन्होंने कहा कि शॉर्टकट से सिर्फ कुछ समय के लिए प्रसिद्धि मिलती है. संगीत साधक अपने आप पर भरोसा और धैर्य रखना सीखें. साधना किसी को आगे बढ़ने से रोक नहीं सकती.
जैन ने छत्तीसगढ़ के लोकनृत्य और संगीत की भी तारीफ की. उन्होंने कहा कि यहां की संस्कृति बिल्कुल शुद्ध है. भविष्य में प्रस्ताव आने पर वे जरूर यहां काम करना पसंद करेंगे.
पचास से अधिक फिल्मों और धारावाहिक ‘रामायण’ के लिए संगीत एवं स्वर देने वाले रवींद्र जैन ने कहा कि आजकल फिल्मी गानों में अश्लील शब्दों का बहुत प्रयोग हो रहा है. इस पर कुछ लोगों का कहना है कि निमार्ताओं का दबाव उन पर रहता है. वे उसी तरह के गीत गाने के लिए कहते हैं. मगर ये ठीक नहीं है.
मन की आंखों से सबकुछ देखने वाले संगीतकार ने कहा कि उन्होंने 1971 में संगीत के क्षेत्र में कदम रखा, लेकिन उन्होंने कभी अपने काम के साथ समझौता नहीं किया.