दिल्ली सरकार के लिये 1 माह का समय
नई दिल्ली | एजेंसी: सर्वोच्य न्यायालय ने केन्द्र सरकार को दिल्ली में गतिरोध सुलझाने 1 माह का समय दिया है. पिछली सुनवाई को अदालत ने विधायकों को बिना काम का वेतन दिए जाने की स्थिति पैदा करने के लिए केंद्र सरकार को कोसा था. दिल्ली में सरकार गठन को लेकर चल रही सियासी रस्साकशी के बीच सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार गठन पर राजनीतिक गतिरोध खत्म करने के लिए मंगलवार को केंद्र सरकार को एक माह का समय समय दिया.
राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी में अरविंद केजरीवाल सरकार के इस्तीफे के बाद से विधानसभा निलंबित है. मनोनीत प्रधान न्यायाधीश एच. एल. दत्तू, न्यायमूर्ति जे. चेलमेस्वर, न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी, न्यायमूर्ति ए. के. अग्रवाल और न्यायमूर्ति अरुण मिश्र की संविधान पीठ ने सरकार को अगली सुनवाई की तारीख 10 अक्टूबर तक का समय दिया. अतिरिक्त महाधिवक्तो पी. एस. नरसिम्हा ने अदालत को बताया कि उपराज्यपाल नजीब जंग ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को सरकार गठन की संभावनाओं के बारे में पत्र लिखा है. इसके बाद संविधान पीठ ने सरकार को समय दिया.
जंग के पत्र पर राष्ट्रपति द्वारा लिए गए निर्णय की जानकारी देने का केंद्र सरकार को निर्देश देते हुए पीठ ने कहा कि वह लंबे समय तक प्रतीक्षा और मामले को लटकाए रखना नहीं चाहती है.
अरविंद केजरीवाल सरकार के 17 फरवरी को इस्तीफा सौंप देने के बाद दिल्ली विधानसभा को निलंबित कर राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया.
इस याचिका पर पिछली सुनवाई के दौरान पांच अगस्त को अदालत ने सरकार को दिल्ली में सरकार गठन के बारे में एक व्यवहार्य समय के भीतर फैसला लेने के लिए कहा था.
अनिश्चितता की स्थिति पर नाखुशी जाहिर करते हुए अदालत ने तब कहा था, “बार बार हम इस मुद्दे पर सुनवाई स्थगित कर यह देखते रहे कि शायद कोई पार्टी सरकार गठन के लिए आगे आए. क्या प्रयास किए गए? हम यह जानना चाहते हैं.”