बस्तर

अंतागढ़ उपचुनाव में नोटा का खतरा!

रायपुर | एजेंसी: अंतागढ़ उपचुनाव में बारिश के चलते कम मतदान की संभावना जताई जा रही है, लेकिन भाजपा के स्थानीय नेता ज्यादा से ज्यादा मतदान के लिए रणनीति बनाने में लगे हुए हैं. इन सबके अलावा क्षेत्र में नक्सल हलचल के चलते बड़े पैमाने पर नोटा का मत पड़ने की भी आशंका है, जिससे प्रत्याशी चिंतित हैं.

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में भारी बारिश का असर अंतागढ़ उपचुनाव में भी पड़ने की संभावना है. अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र के कई इलाके अभी भी ब्लॉक मुख्यालय से कटे हैं. इन सबके कारणों के चलते कल 35 मतदान केंद्रों को शिफ्ट किया गया है. नक्सल गतिविधियों को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. सीआरपीएफ, बीएसएफ और राज्य पुलिस के जवान सुरक्षा में लगाए गए हैं.

संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डी.डी. सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन की मांग के अनुरूप सुरक्षा बल उपलब्ध कराए गए हैं.

अंतागढ़ उपचुनाव के तहत मतदान को अभी सिर्फ पांच दिन ही बचे हैं. इसके बावजूद प्रचार अब तक जोर नहीं पकड़ पाया है. कांग्रेस प्रत्याशी मंतूराम पवार ने यहां से अप्रत्याशित रूप से अपना नाम वापस ले लिया था. इसके साथ ही एक निर्दलीय प्रत्याशी को छोड़कर बाकी सभी प्रत्याशियों ने भी नाम वापस ले लिया था. अब यहां से भाजपा प्रत्याशी भोजराज नाग का सीधा मुकाबला एकमात्र निर्दलीय प्रत्याशी रूपधर पुडो से है. 13 सितंबर को यहां मतदान होना है. लेकिन किसी भी प्रत्याशी की तरफ से प्रचार-प्रसार जोर नहीं पकड़ पाया है.

भाजपा प्रत्याशी भोजराज नाग के खिलाफ समाज विशेष के लोगों में नाराजगी है. इन लोगों ने चुनाव के पहले बैठक कर कांग्रेस को समर्थन देने की पेशकश की थी. लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी के हटने के बाद भी लोगों में नाराजगी कम नहीं हुई है. हालांकि मान-मनौव्वल की कोशिशें जारी हैं, फिर भी इन कारणों को देखते हुए नोटा के पक्ष में बड़े पैमाने पर वोट मिलने की संभावना भी बराबर बनीं हुई है, जिससे प्रत्याशी चिंतित हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में 4700 मत नोटा के पड़े थे.

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