दंतेवाड़ा की बेटी का पीएम से सवाल
दंतेवाड़ा | संवाददाता: शुक्रवार को आयोजित देशव्यापी शिक्षक दिवस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा की बालिका ने पीएम से प्रश्न पूछकर देशभर में वाहवाही बटोर ली. बालिका ने पूछा “बस्तर जैसे जनजातीय इलाके में उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या कम है, वहां इसे बढ़ाने के लिए क्या किया जा रहा है ?” प्रधानमंत्री मोदी से यह सवाल छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर जिले के बारसूर स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय की कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा अंजलि ने पूछा था.
प्रधानमंत्री ने इस बालिका के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि बस्तर अंचल का मैने खूब दौरा किया है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री इस बात के लिए बधाई के पात्र है कि उन्होंने बस्तर में बच्चों की शिक्षा के लिए कई ऐसे नये कदम उठाए हैं, जिनकी ओर पूरे देश का और देश के शिक्षाविदों का ध्यान गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “देश के शिक्षाविदों को शिक्षा के क्षेत्र में बस्तर में किए जा रहे प्रयासों को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह से सीखना चाहिए. मोदी ने आगे कहा – डॉ. रमन सिंह वहां बालिकाओं की शिक्षा पर भी विशेष रूप से ध्यान दे रहे हैं.”
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे देश को इस पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का उल्लेख करते हुए कहा कि गांधी जी बालिकाओं की शिक्षा के पक्षधर थे और कहते थे कि अगर एक बालक शिक्षित होता है तो उससे एक ही परिवार शिक्षित होता है, जबकि अगर एक बालिका शिक्षित हो तो वह एक साथ दो परिवारों को यानि अपने मायके और विवाह होने के बाद अपनी ससुराल को भी शिक्षित कर सकती है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन दिनों देश की बालिकाएं शिक्षा और खेल हर क्षेत्र में आगे हैं. प्रधानमंत्री ने दंतेवाड़ा की बालिका के सवाल के लिए उसे बधाई दी और कहा, “मुझे खुशी है कि बस्तर अंचल में आप लोगों को शिक्षा के प्रति इतनी चिन्ता है. बस्तर, जहां माओवादी हिंसा के कारण धरती लहुलुहान हो रही है, वहां की एक बेटी ने शिक्षा को लेकर एक ऐसा सवाल किया है, जिसमें पूरे देश को जगाने की ताकत है. बालिकाओं की शिक्षा हम सबकी प्राथमिकता है.”
उन्होंने कहा कि तीसरी-चौथी और पांचवी-सातवी कक्षा की पढ़ाई के बाद कई बालिकाएं इसलिए स्कूल छोड़ देती है कि वहां हमारी इन बेटियों के लिए टॉयलेट की सुविधा नहीं होती. अगर किसी ने पहले इस पर ध्यान दिया होता तो आज स्थिति कुछ और होती. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के हर स्कूल में बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग टॉयलेट बनाने की जरूरत है. उन्होंने स्कूलों में सफाई और अनुशासन पर भी जोर दिया.