इबोला वायरस पर वैश्विक आपात घोषित
संयुक्त राष्ट्र | समाचार डेस्क: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पश्चिमी अफ्रीकी देशों में फैली बीमारी इबोला पर अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपात की घोषणा की है. इस मुद्दे पर डब्ल्यूएचओ की आपात समिति की बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है, “इबोला को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फैलने से रोकने के लिए वैश्विक स्तर पर प्रयास किए जाने की आवश्यकता है. समिति में इस बात को लेकर आम राय है कि इबोला बीमारी के सामने आने के बाद की स्थिति हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न जैसी है.”
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, मार्च में शुरू हुए इबोला के प्रकोप से अबतक 1,171 लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि गिनी, लाइबेरिया, नाइजीरिया और सिएरा लियोन में 932 लोग मारे गए हैं. लाइबेरिया और सिएरा लियोन में इससे संक्रमित 60 फीसदी से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है.
पश्चिम अफ्रीकी देश लाइबेरिया में इबोला वाइरस से फैली महामारी को देखते हुए अमरीकी विदेश मंत्रालय ने अपने दूतावास के सभी कर्मचारियों को परिवार सहित अमेरिका लौटने का आदेश दिया है. विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मैरी हर्फ ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने लाइबेरिया स्थित अमरीकी दूतावास में कार्यरत कर्मियों और उनके परिवारों को अमरीका लौटने का आदेश जारी किया है.
हर्फ ने कहा, “लाइबेरिया में इबोला के प्रकोप से निपटने के लिए अमेरिका अपने नागरिकों, वहां की सरकार और अंतर्राष्ट्रीय तथा स्थानीय स्वास्थ्य संगठनों के मदद करने के प्रयास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.”
इबोला वायरस
इबोला वायरस एक फाइलोवायरस है, जिसकी पांच भिन्न-भिन्न प्रजातियां हैं. मौजूदा प्रकोप में जिस विशेष वायरस को अलग किया गया है वह जायरा इबोला वायरस है. इबोला वायरस रोग एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है जिससे पीड़ित लोगों में 90% तक लोगों की मृत्यु हो जाती है.
अफ्रीका में फ्रूट बैट चमगादड़ इबोला वायरस के वाहक हैं जिनसे चिम्पांजी, गोरिल्ला, बंदर, वन्य मृग संक्रमित होते हैं. मनुष्यों को या तो संक्रमित पशुओं से या संक्रमित मनुष्यों से संक्रमण होता है, जब वे संक्रमित शारीरिक द्रव्यों या शारीरिक स्रावों के निकट संपर्क में आते हैं. इसमें वायु जनित संक्रमण नहीं होता है. मौजूदा प्रकोप के दौरान अधिकांश रोग मानव से मानव को होने वाले संक्रमण से फैला है. इबोला वायरस के संक्रमण होने तथा रोग के लक्षण प्रकट होने के बीच की अवधि 2-21 दिन होती है जिसके दौरान प्रभावित व्यक्तियों से संक्रमण होने का खतरा नहीं रहता है.