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इराक पर अमरीकी हमले से बढ़ेगा तेल संकट

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: अमरीका यदि इराक पर हवाई हमले करता है तो उससे तेल के दाम बढ़ना स्वभाविक है. इराक के कुर्दिश इलाके में फंसे लोगों को राहत पहुंचाने के लिये अमरीका ऐसा कर सकता है. इसकी पुष्टि स्वंय अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने की है.

उधर संयुक्त राष्ट्र संघ के सुरक्षा परिषद ने उत्तरी इराक में तथाकथित इस्लामिक स्टेट के हमले की निंदा की है. ओबामा ने व्हाइट हाउस में कहा कि उन्होंने आवश्यकता पड़ने पर इस्लामिक आतंकवादियों के खिलाफ हवाई हमले को स्वीकृति दे दी है, जिन्होंने इराक के कुर्दिश इलाके में बढ़त बना ली है और देश के सबसे बड़े बांध को गुरुवार को कब्जे में ले लिया.

इराक पर अमरीकी हमले की खबरों के बीच तेल के दाम बढ़ने की खबर आ रही है. गौरतलब है कि इराक तेल निर्यातक देशों के संगठन ‘ओपेक’ दूसरा बड़ा उत्पादक देश है. दुनिया के कुल तेल भंडारों में से 11 प्रतिशत इराक मे मौजूद है ऐसे में वैश्विक तेल बाजार में इराक की खासी अहमियत है जिससे यहां किसी भी तरह के भू-राजनीतिक संकट का सीधा असर तेल के दाम पर पडता है.

ओबामा ने कहा कि उन्होंने इराक में मौजूद अमरीकी नागरिकों व सैन्यकर्मियों को आतंकवादियों का खतरा होने की स्थिति में सैनिकों को लक्षित हवाई हमला करने के निर्देश दिए हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि इराक सरकार के अनुरोध पर उन्होंने इस्लामिक आतंकवादियों द्वारा पहाड़ी इलाके में बंधक बना लिए गए नागरिकों को मानवीय सहायता पहुंचाने की मंजूरी दे दी है. इन नागरिकों में अधिकतर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं.

संयुक्त राष्ट्र ने की निंदा
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने गुरुवार को उत्तरी इराक में इस्लामिक स्टेट के हमले की निंदा की है और कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय होनी चाहिए. इराक में इस्लामिक स्टेट के हमलों के कारण अब तक हजारों लोग प्रभावित हुए हैं.

सुरक्षा परिषद में ब्रिटेन के राजदूत मार्क ल्याल ग्रांट ने कहा कि सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने इस्लामिक स्टेट के हमले की निंदा करते हुए कड़ा विरोध जताया है. इन हमलों में हजारों इराकी विस्थापित हुए हैं, इनमें से अधिकांश संवेदनशील समुदाय के लोग हैं. हजारों शरणार्थी कुर्दीश क्षेत्र पहुंचने की आस लिए पहाड़ी इलाके की तरफ भागे, लेकिन वे पहाड़ी और कुर्दीश इलाके के बीच आतंकवादियों की गतिविधियों में फंस गए, जहां वे भोजन और पानी की कमी से जूझ रहे हैं.

बान की-मून
उधर, संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने गुरुवार को कहा कि वह उत्तरी इराक में अल्पसंख्यक समुदायों पर हुए हालिया हमले से सकते में हैं. साथ ही उन्होंने प्रभावित लागों के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहायता का आह्वान किया. मून के प्रवक्ता ने यहां एक बयान जारी कर कहा, “महासचिव किरकुक और काराकोश में इस्लामिक आतंकवादी संगठन द्वारा गुरुवार को हुए हमले और इससे पहले तल अफर और सिनजार जिले में हुए हमले से सकते में हैं, जिसमें मुख्य रूप से ईसाई, तुर्कमेन और येजिदिस जैसे संवेदनशील समुदाय के लोग प्रभावित हुए हैं.”

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी और इसके साझीदार विस्थापितों को पानी, भोजन, स्वास्थ्य सेवा और घरेलू आवश्यकता के सामान सहित आपातकालीन सहायता पहुंचा रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र संघ के सुरक्षा परिषद द्वारा तथाकथित इस्लामिक हमले की निंदा तथा महासचिव बान की-मून के बयान से स्पष्ट है कि इराक पर हमले की सहमति अमरीका को प्रदान कर दी गई है.

इसी के साथ अमरीकी राष्ट्रपति की हवाई हमले की स्वीकृति ने तय कर दिया है कि इराक पर अमरीकी हमला होगा. जिसका प्रभाव तेल के दाम में बढ़ोतरी तथा तेल के आपूर्ति के रूप में सामने आयेगा.

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