राष्ट्र

राहुल कांग्रेस का नेतृत्व करे: जेटली

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि राहुल गांधी अपने पार्टी का नेतृत्व करें. उनका इशारा इस बात की ओर था कि राहुल गांधी सदने के काम-काज में व्यधान न उत्पन्न करें. उन्होंने कहा “रोज ब रोज पार्टी के स्थापित नेता बोलते रहते हैं लेकिन आप को सदन को या पीठासीन अधिकारी को बहस में घसीटने की जरूरत नहीं है. यदि आप खुद को कुछ करते हुए दिखाना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि आप अपनी पार्टी का नेतृत्व करें न कि सदन के कामकाज के खिलाफ बेबात का हल्ला मचाएं.”

लोकसभा में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के आक्रामक व्यवहार पर जेटली ने कहा, “कांग्रेस नेतृत्व का एक धड़ा अपनी नेतृत्व करने की अक्षमता के कारण दबाव में है.”

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने पार्टी के अन्य सांसदों के साथ देश में सांप्रदायिक टकराव की बढ़ रही घटनाओं पर चर्चा की मांग करते हुए अध्यक्ष की आसंदी की ओर बढ़ने का प्रयास किया था.

वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में सरकार के खिलाफ आरोप लगाने के बाद वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की और इस दौरान आडवाणी ने उन्हें सलाह दी कि वह कांग्रेस सांसदों को सदन में संयमित रहने के लिए कहें.

सूत्रों के अनुसार, राहुल और कांग्रेस सांसदों ने सांप्रदायिक हिंसा पर एक बहस की मांग करते हुए लोकसभा बाधित की और उसके बाद आडवाणी से मुलाकात की.

सूत्र के अनुसार, आडवाणी सदन में व्यवधान को लेकर खिन्न थे और उन्होंने इच्छा जताई कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सदन प्रबंधक मुद्दे को सुलझाएं.

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वे एक ऐसे विषय को मुद्दा बना रहे हैं, जो कोई मुद्दा है ही नहीं.

जेटली ने कहा, “कांग्रेस इस बेमुद्दे को मुद्दा क्यों बना रही है? कारण स्पष्ट है कि पार्टी का एक वर्ग जो नेतृत्व में अक्षम है, तख्तापलट का सामना कर रहा है.”

भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी ने कहा, “राहुल गांधी का लोकसभा अध्यक्ष को पक्षपाती कहना दुर्भाग्यपूर्ण है. यह सिर्फ हताशा के अलावा और कुछ नहीं है.”

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार किसी भी बहस के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, “देश में शांति है, संसद में भी शांति कायम करें. हम किसी भी बहस के लिए तैयार हैं.”

error: Content is protected !!