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नरेश की तरह पशुपतिनाथ को पूजा मोदी ने

काठमांडू | एजेंसी: नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पशुपतिनाथ मंदिर के गर्भगृह में ठीक उसी तरह पूजा-अर्चना की जिस तरत कभी नेपाल नरेश विशेष पूजा किया करते थे. नेपाल में 2008 में राजशाही के खात्मे के बाद इस तरह की पूजा करने वाले मोदी पहले व्यक्ति बन गए हैं.

मोदी ने हिंदुओं के लिए शिव की पूजा के लिए शुभ माने जाने वाले श्रावण मास की तीसरी सोमवारी को ‘रुद्राभिषेक’ सहित पूरे कार्यक्रम का खर्च वहन करने के लिए 27000 अर्पित किए.

बासुकी पूजा के लिए मोदी ने और 5,100 रुपये चढ़ाया.

भगवा कपड़ों में नंगे पांव मोदी करीब 45 मिनट तक मंदिर में रहे. यह प्रसिद्ध मंदिर बागमती नदी के तटपर स्थित है.

पशुपतिनाथ क्षेत्र विकास प्राधिकार न्यास के सदस्य सचिव गोविंद टंडन के मुताबिक, केवल शाह वंश के राजाओं को ही मंदिर के गर्भगृह में बैठकर दुर्लभ चांदी मढ़े शिव लिंग की अराधना करने की इजाजत थी.

आम भक्तों को मंदिर के गर्भगृ के बाहर द्वार से ही पूजा करने की इजाजत है.

टंडन ने कहा, “हमने मोदीजी को वही सुविधा प्रदान की जो पूर्व नरेशों को मिली हुई थी. इस मंदिर के प्रति उनकी आस्था और समर्पण को देखते हुए हमने उन्हें विशेष सुविधा देने का फैसला लिया.”

मोदी को पशुपतिनाथ के शिव लिंग की पूजा करने की अनुमति देने का फैसला उच्चस्तरीय राजनीतिक नेतृत्व ने लिया. इस तरह से केवल नेपाल के शासक को ही पूजा करने की इजाजत थी.

पशुपतिनाथ क्षेत्र विकास प्राधिकार न्यास के एक पदाधिकारी ने कहा कि जिस चटाई पर मोदी बैठे वह चांदी के दो स्तंभों के बीच स्थित है. पुजारी को छोड़ किसी अन्य को चतुर्मुख शिव लिंग को छूने की इजाजत नहीं है.

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