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निजी मेडिकल कॉलेजों पर जुर्माना

भोपाल | एजेंसी: मध्य प्रदेश में छह निजी मेडिकल कॉलेजों पर 13 करोड़ रुपयों का जुर्माना लगा. गौरतलब है कि इन कालेजों ने सरकारी कोटे की सीट, प्रबंधन कोटे से भरकर धन अर्जित करने के लिए प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति ने 13 करोड़ 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

जुर्माने की राशि 25 सितंबर तक जमा न कराने की स्थिति में इन मेडिकल कॉलेजों को 12 प्रतिशत की दर से ब्याज भी देना होगा.

राज्य के छह मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सरकारी कोटे की 206 सीटों में से 198 सीटों पर प्रबंधन कोटे से विद्यार्थियों को दाखिला दिए जाने के मामले में शनिवार को प्रवेश व शुल्क नियामक समिति ने अपना फैसला सुनाया.

इन निजी मेडिकल कॉलेजों पर आरोप है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग को अंधेरे में रखकर कॉलेज प्रशासन ने प्री-मेडिकल टेस्ट के अंतिम चरण की खाली सीटों का ब्यौरा नहीं दिया. बाद में खाली सीटों को प्रबंधन के कोटे से भर लिया. गौरतलब है कि प्रबंधन कोटे से विद्यार्थियों को प्रवेश देने के बदले उनसे बड़ी रकम वसूली गई है.

समिति के अध्यक्ष डॉ. टी.आर. थापक के अनुसार निजी मेडिकल कॉलेजों की यह कारगुजारी जांच में भी सामने आई है और उसी के तहत प्रवेश व शुल्क नियामक समिति ने फैसला सुनाया है.

समिति ने भोपाल के पीपुल्स कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज पर 2.15 करोड़ रुपये, एलएन मेडिकल कॉलेज पर 2.45 करोड़ रुपये, चिरायु मेडिकल कॉलेज पर 2.25 करोड़ रुपये, इंदौर के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज पर 5.50 करोड़ रुपये, अरविंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल पर 40 लाख रुपये और उज्जैन के आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज पर 35 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

समिति ने संबंधित मेडिकल कॉलेजों को जुर्माने की राशि 25 सितंबर तक जमा कराने के निर्देश दिए हैं. नियत समय पर राशि जमा न कराने पर कॉलेजों को 12 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज भी देना होगा.

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