गोवा: बयान दे फंसे मंत्री
पणजी | समाचार डेस्क: गोवा में हिन्दू राष्ट्र के टिप्पणी पर कांग्रेस-एनसीपी ने विरोध जताया है. गौरतलब है कि गोवा के दो कैबिनेट मंत्रियों सहकारिता मंत्री दीपक धावलीकर और उपमुख्यमंत्री फ्रांसिस डिसूजा ने हिन्दू राष्ट्र से संबंधित टिप्पणी की थी.
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को सहकारिता मंत्री धवलीकर ने विधानसभा में कहा था कि यदि सब लोग मोदी का समर्थन करें, तो भारत एक हिंदू राष्ट्र बन सकता है.
वहीं गोवा के उपमुख्यमंत्री डिसूजा ने कहा था कि भारत पहले से ही हिंदू राष्ट्र है. यह हिंदुस्तान है. हिंदुस्तान में सभी भारतीय हिंदू हैं. मैं भी एक ईसाई हिंदू हूं.
गोवा के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष फर्नाडीस ने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम गोवा के राज्यपाल को एक स्मारपत्र सौंपकर दोनों मंत्रियों को उनके बयान के लिए बर्खास्त करने की मांग करेंगे. यदि ऐसा नहीं हुआ तो हम संविधान की शपथ लेने वाले दोनों मंत्रियों को हटाने के लिए कानूनी उपाय आजमाएंगे.”
फर्नाडीस ने गोवा के दो मंत्रियों द्वारा भारत के हिंदू राष्ट्र संबंधित टिप्पणी पर बयान दिया है. मंत्रियों के बयान पर शनिवार को बवाल मचा रहा.
डिसूजा, गोवा भाजपा में अल्पसंख्यक समुदाय के वरिष्ठ नेता हैं. राज्य में करीब 26 प्रतिशत आबादी ईसाई है.
दोनों मंत्रियों के बयान पर राष्ट्रीय स्तर पर हंगामा मचा हुआ है. राज्य में राजनीतिक, सामाजिक दायरे में भी इसे लेकर हंगामा जारी है. शुक्रवार को कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा से बहिर्गमन किया.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने डिसूजा पर ‘अपधर्म’ का आरोप लगाया और मांग की कि गोवा चर्च को उनके ‘ईसाई हिंदू’ होने के दावे पर स्पष्टीकरण मांगना चाहिए.
राकांपा नेता ट्राजनो डिमेलो ने शनिवार को एक संवादाता सम्मेलन में कहा कि डिसूजा ने खुद को ईसाई-हिंदू कहकर अपधर्म किया है. या तो आप ईसाई हो सकते हैं या हिंदू. गिरजाघर को उनसे स्पष्टीकरण मांगना चाहिए और अगर वह उचित जवाब देने में असफल होते हैं तो उन्हें समुदाय से बहिष्कृत किया जाना चाहिए.
उधर गोवा चर्च के चैरिटेबल विंग के प्रमुख फादर मावरिक फर्नाडीस ने कहा है कि हिंदू राष्ट्र का सपना देखने वाले मंत्रियों पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए. ऐसे लोगों के लिए भारत में कोई जगह नहीं है.
फर्नाडीस ने कहा कि सहकारिता मंत्री दीपक धवलीकर और उपमुख्यमंत्री फ्रांसिस डिसूजा की हिंदू राष्ट्र पर टिप्पणी से उनकी अज्ञानता का पता चलता है. उनके लिए भारत में कोई जगह नहीं.
फर्नाडीस ने कहा, “यदि कोई मंत्री ऐसा बयान देता है, तो सरकार को उनपर कार्रवाई करनी चाहिए, क्योंकि वे देश के संविधान के खिलाफ बोल रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “संविधान की प्रस्तावना में ही यह स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है. अगर कोई इस तरह की इच्छा रखता है, तो उसपर कार्रवाई की जानी चाहिए. उनके लिए इस देश में कोई जगह नहीं है.”
गोवा के सहकारिता मंत्री तथी उप मुख्यमंत्री के बयान से कांग्रेस-एनसीपी को भाजपानीत सरकार के खिलाफ मुद्दा मिल गया है. जिसे वे अच्छी तरह से भुनाना ताहते हैं. जाहिर है कि इससे भाजपा की मुश्किले बढ़ने वाली हैं.