भाजपा-वीएचपी का जलाभिषेक आंदोलन
लखनऊ | एजेंसी: यूपी पुलिस ने जलाभिषेक करने ता रही वीएचपी के साध्वी प्राची को बिजनौर में गिरफ्तार कर लिया है. इसी के साथ मुरादाबाद में धारा 144 लगा दी गई है. गौरतलब है कि 26 जुलाई को मंदिर में लाउडस्पीकर लगाने के मुद्दे पर प्रदर्शन किया जाने वाला है. उत्तर प्रदेश के कांठ में मंदिर पर लाउडस्पीतर लगाने के मुद्दे पर भाजपा तथा वीएचपी के साथ समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव की ठनी हुई है.
साध्वी प्राची ने घोषणा की थी कि वह मंदिर में जलाभिषेक करेगी. उधर, अखिलेश सरकार ने आशंका जताई है कि इससे दो समुदायों में तनाव बढ़ सकता है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने गुरुवार को कहा कि उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार कांठ क्षेत्र के अकबरपुर नया गांव के मंदिर पर 24 घंटे के भीतर लाउडस्पीकर लगवाए. इसी के साथ उन्होंने मांग की कि कार्यकर्ताओं की रिहाई की अनुमति दे, वरना 26 जुलाई को प्रदेशभर में पार्टी के नेता जबरदस्त आंदोलन करने को विवश होंगे.
डॉ. वाजपेयी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि एक संप्रदाय विशेष को लाउडस्पीकर से नमाज अदा करने की अनुमति देना और बहुसंख्यक समाज के लोगों को भजन और कीर्तन सुनने पर प्रतिबंध लगाना बर्दाश्त के बाहर है. सपा के इस तुष्टिकरण को पार्टी और प्रदेश की जनता स्वीकार नहीं करेगी.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार के इशारे पर प्रशासन ने बेवजह दर्जनों कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज कर जेल में डाला हुआ है. पार्टी प्रशासन के एकपक्षीय निर्णय को स्वीकार नहीं करेगी. 26 जुलाई के आंदोलन के बाद सभी कार्यकर्ताओं को जमानत दिलाने के लिए प्रशासन मजबूर होगा.
वाजपेयी ने विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीणभाई तोगड़िया के लहजे में कहा, “मंदिर पर लाउडस्पीकर बजने से अगर एक वर्ग विशेष को दिक्कत है तो प्रशासन दोनों के लाउडस्पीकर बजने का समय तय कर दे, वरना हिंदू समाज चुप बैठने वाला नहीं है.”
उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश को अपना मांगपत्र भेज दिया है. हमारी सिर्फ दो मांगें हैं, पहला मंदिर पर लाउडस्पीकर लगवाने की अनुमति, दूसरा निर्दोष कार्यकर्ताओं की जमानत.
भाजपा नेता ने यह भी कहा कि इन दो मांगों को अगर सरकार मान लेती है तो प्रस्तावित आंदोलन वापस लेने पर विचार किया जा सकता है.
उल्लेखनीय है कि मुरादाबाद जिले के कांठ क्षेत्र के अकबरपुर-नया गांव में 27 जून को एक धार्मिक स्थल से लाउडस्पीकर उतरवाने को लेकर विवाद पैदा हुआ था. चार जुलाई को इसी मसले को लेकर हुए बवाल के दौरान उग्र भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव किया था, जिसमें एक पुलिस अधिकारी की आंख में गहरी चोट लगी थी और कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे. इस लिससिले में पुलिस ने 60 लोगों को गिरफ्तार किया था.
भाजपा का आरोप है कि पुलिस प्रदेश सरकार के इशारे पर जानबूझकर भाजपा कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न कर रही है.