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जलवायु परिवर्तन से निपट सकता है शार्क

वाशिंगटन | एजेंसी: एक अध्धयन से पता चला है कि आर्कटिक सागर के शार्क जलवायु परिवर्तन से निपटने में सक्षम हो सकते हैं. वैज्ञानिकों के एक दल ने सैंड टाइगर शार्क के दांत के एक जीवाष्म का अध्ययन किया. यह जीवाष्म आर्कटिक सागर में स्थित कनाडा के बैंक्स आईलैंड पर मिला था.

यह दांत आज से 3.8 से 5.3 करोड़ साल पहले के इओसीन युग का है, जब उस क्षेत्र में समशीतोष्ण जलवायु हुआ करती थी और समुद्र का पानी अपेक्षाकृत कम खारा हुआ करता था.

शिकागो विश्वविद्यालय के समुद्र वैज्ञानिक सोरा किम ने कहा कि इस काल के आधार पर यह समझा जा सकता है कि यदि आज हम कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन को नहीं घटाएं, तो आज से करोड़ों साल बाद क्या हो सकता है.

सैंड टाइगर शार्क को खाड़े जल में रहना पसंद है, लेकिन यह तब कम खाड़े जल में रहा करता था.

इससे वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला कि यह शार्क बढ़ते तापमान और समुद्री जल के घटते खाड़ेपन में रहने में समर्थ हो सकता है.

डिस्कवरी न्यूज के मुताबिक पहले के एक अध्ययन में बताया गया था कि दुनिया में कहीं भी समुद्र के बढ़ते तापमान के कारण शार्क और अन्य जलजीव उत्तर की ओर कूच कर रहे हैं.

यह अध्ययन शोध पत्र जीयोलॉजी में प्रकाशित हुआ है.

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