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अंतरिक्ष में है ताकतवरों का राज

मेलबर्न | एजेंसी: सिर्फ हमारी दुनिया में ही बड़ी मछलियां छोटी मछलियों को नहीं निगलतीं, बल्कि यह एक ऐसी प्राकृतिक व्यवस्था है जिससे अंतरिक्ष की आकाशगंगाएं भी अछूती नहीं हैं. अंतरिक्ष में बड़ी आकाशगंगा छोटी को समाहित कर लेती हैं.

खगोलविदों ने एक अंतरिक्षीय दैत्य की निगलने की आदतों का अध्ययन करने के दौरान पाया कि किस तरह बड़ी आकाशगंगा छोटी को अपने में समाहित कर लेती हैं.

अस्ट्रेलियन स्टोनोमिकल आब्जरवेट्री के अनुसंधानकर्ताओं का एक दल औपचारिक रूप से एनजीसी 4651 नाम वाले अंब्रेला गैलेक्सी के अध्ययन में जुटे हैं और उन्होंने पाया है कि यह छोटी गैलेक्सी को निगल जाता है. अपने चारों तरफ पसरी महीन ‘छतरी’ के कारण ही इसे अंब्रेला गैलेक्सी नाम दिया गया है.

खगोलविदों ने तय किया है कि इसकी विशेषता भोजन की श्रंखला की बजाय यह एक बार में टुकड़े को ही शिकार बनाता है.

1950 में जब वैज्ञानिकों ने इस अंब्रेला की खोज की थी तब उन्होंने इसे बड़ी आकाश गंगाओं के मुकाबले बौना माना था.

एएओ के क्रोलिन फोस्टर ने कहा है, “नई तकनीक के जरिए हम अंब्रेला में अत्यंत दूर, अत्यंत क्षीण तारकीय समूह के तारों की गति मापने में समर्थ हो गए हैं.”

उन्होंने कहा, “इससे हम प्रणाली के इतिहास को फिर से संयोजित कर सकेंगे जो हम पहले नहीं कर सकते थे.”

अंब्रेला गैलेक्सी हमारी मिल्की वे आकाश गंगा की जुड़वां है और खगोलविदों ने पाया है कि हमारी आकाश गंगा भी दूसरी छोटी आकाश गंगाओं के सितारे खाकर मोटी हो गई है.

क्या है आकाश गंगा :

आकाशगंगा असंख्य तारों का समूह है जो स्वच्छ और अंधेरी रात में, आकाश के बीच से जाते हुए अर्धचक्र के रूप में और झिलमिलाती सी मेखला के समान दिखाई पड़ती है. यह मेखला वस्तुत: एक पूर्ण चक्र का अंग हैं जिसका क्षितिज के नीचे का भाग नहीं दिखाई पड़ता. भारत में इसे मंदाकिनी, स्वर्णगंगा, स्वर्नदी, सुरनदी आकाशनदी, देवनदी, नागवीथी, हरिताली आदि भी कहते हैं.

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