बदायूं कांड: 42 अफसर बदले गये
लखनऊ | एजेंसी: बदायूं दुष्कर्म मामले को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कड़े कदम उठायें हैं. उन्होंने शनिवार को सूबे के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को तलब कर कई बड़े फैसले लिए. सरकार ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए 42 आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है.
मुख्यमंत्री अखिलेश ने शनिवार को मुख्य सचिव आलोक रंजन, पुलिस महानिदेशक ए.एल. बनर्जी, प्रमुख सचिव, गृह दीपक सिंघल के साथ बैठक कर कई फैसले किए.
बैठक के बाद मुख्य सचिव रंजन ने कहा कि सूबे में कानून-व्यवस्था कायम रखने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे. शांति व्यवस्था हर हाल में कायम की जाएगी.
रंजन ने बताया कि मुख्यमंत्री ने मेरिट का ध्यान रखते हुए तबादले किए हैं. उनकी प्राथमिकता सूबे में कानून-व्यवस्था कायम रखना है और इसके लिए ईमानदार और मेरिट वाले अधिकारियों को तरजीह दी गई है.
मुख्य सचिव ने बताया कि अवैध खनन को लेकर जिलाधिकारियों को सख्त कदम उठाने के निर्देश जारी किए गए हैं. जिलाधिकारियों से कहा गया है कि अवैध खनन की छापेमारी करने वाले अधिकारियों को पर्याप्त पुलिस बल मुहैया कराए जाएं.
उन्होंने बताया कि गौ-हत्या को लेकर भी सरकार गंभीर है. अधिकारियों को इसे रोकने के निर्देश दिए गए हैं और छापेमारी की जा रही है. गौकशी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की पूरी कोशिश की जाएगी.
रंजन ने कहा कि सभी प्रकार के लोगों के गनर तत्काल प्रभाव से वापस ले लिए गए हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया के साथ भी बेहतर रिश्ते बनाने की कोशिश की जाएगी. सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को यह निर्देश जारी किया गया है कि जिले में कहीं भी बड़ी घटना होती है तो वे खुद वहां उपस्थित हों और तत्काल संबंधित घटना की जानकारी मीडिया को उपलब्ध कराएं.
मुख्य सचिव ने कहा कि पूरे प्रदेश में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा. भू-माफियाओं और शराब माफियाओं के खिलाफ भी एक अभियान चलाया जाएगा.
वहीं उत्तर प्रदेश में अपराध पर लगाम लगाने की पुरजोर कोशिश में जुटे पुलिस महानिदेशक ए.एल. बनर्जी ने शनिवार को बदायूं कांड पर नया खुलासा करते हुए कहा कि सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का मकसद कुछ और हो सकता है.
बनर्जी ने लखनऊ में एक प्रेसवार्ता के दौरान बदायूं कांड से जुड़े कई अहम खुलासे किए. उन्होंने कहा कि दो बहनों में से एक के साथ सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है. मामले की तह तक जांच की जा रही है.
उन्होंने बताया कि मामले की शुरुआती जांच में जो सुबूत मिले हैं, उससे पता चला है कि दोनों के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के पीछे मकसद संपत्ति हथियाने का इरादा भी हो सकता है.
बनर्जी ने बताया कि जिन सात आरोपियों के नाम इस मामले में सामने आए हैं, सभी के नारको टेस्ट व लाई डिटेक्टर टेस्ट कराए जाएंगे.
प्रेस वार्ता में मौजूद सूबे के नए मुख्य सचिव आलोक रंजन ने बताया कि सुबूत लगातार जुटाए जा रहे हैं और जल्द ही बड़े खुलासे किए जाएंगे.
पुलिस महानिदेशक के इन तमाम खुलासों पर पत्रकारों ने कुछ गंभीर सवाल किए तो उन्होंने कहा, “बिना सबूत के अभी कुछ नहीं बोलूंगा.”
उल्लेखनीय है कि बदायूं में पिछले दिनों दो चचेरी बहनों के साथ दुष्कर्म करने के बाद उनकी हत्या कर दी गई थी. प्रदेश के एटा में फिर यही घटना दोहराई गई. ऐसी घटनाओं से राज्य सरकार की काफी किरकिरी हो रही है.