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झूठी जानकारी पर होगी जेल

भोपाल | एजेंसी: मध्य प्रदेश में नागरिकों को शासन की सेवाएं तत्काल उपलब्ध कराने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाया जा रहा है. अब आवेदक को स्व-घोषणा पत्र के आधार पर शासन की योजना का लाभ मिल सकेगा, लेकिन स्व-घोषणा की जांच में जानकारियां असत्य पाए जाने पर आवेदक को जेल और भारी जुर्माने से दंडित भी किया जाएगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बुधवार को राज्य लोक सेवा अभिकरण की साधारण सभा की बैठक में प्रस्तावित योजना के प्रारूप व प्रस्तुतिकरण पर चर्चा हुई.

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की लोक सेवाओं की प्रक्रियाओं को और अधिक सरल किया जाना चाहिए. क्षतिपूर्ति में विलंब नहीं होना चाहिए. विलंब से सेवा देने के मामले में आवेदक को तत्काल हर्जाना मिले. लोक सेवा केंद्रों के प्रदर्शन की समीक्षा की जाए, उन पर कड़ी निगरानी रखी जाए और गड़बड़ी करने वाले केंद्र संचालकों को जेल भेजा जाए.

इस मौके पर बताया गया कि सरकार द्वारा ‘ई- डिस्ट्रिक्ट’ की शुरुआत करके इस सुविधा के तहत मध्यप्रदेश द्वारा दी जा रहीं सेवाओं को अधिसूचित किया गया है. मध्यप्रदेश सेवाओं को ई-डिस्ट्रिक्ट योजनाओं में अनुमोदित करने वाला देश का पहला राज्य है.

भारत सरकार द्वारा 20 सेवाएं ऑनलाइन अधिसूचित की गई हैं, जबकि मध्यप्रदेश में 47 सेवाएं ऑनलाइन दी जा रही हैं. बैठक में बताया गया कि लोक सेवा केंद्रों के माध्यम से 1,06,24,095 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं.

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