तेलंगाना बना, केसीआर पहले सीएम
हैदराबाद|संवाददाता: आज से तेलंगाना राज्य अपने अस्तित्व में आ गया. तेलंगाना राष्ट्र समिति के मुखिया के चंद्रशेखर राव के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही भारत के इतिहास में एक नई ईबारत दर्ज हो गई. भारत के इस 29वें राज्य की राजधानी अगले 10 सालों तक हैदराबाद होगी.
तेलंगाना के अस्तित्व में आने के साथ ही आंध्र प्रदेश से अलग कर एक राज्य बनाने का दशकों पुराना संघर्ष पूरा हो गया. लोग रात 12 बजे के बाद से ही राज्य बनने का जश्न मना रहे हैं. अविभाजित आंध्र प्रदेश में लागू राष्ट्रपति शासन आंशिक तौर पर हटा लिया गया ताकि तेलंगाना राष्ट्र समिति टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव की अध्यक्षता में नवगठित तेलंगाना में सरकार शपथ-ग्रहण कर सके.
हालांकि तेलंगाना के गठन के बाद मौजूदा आंध्र प्रदेश के शेष भाग में राष्ट्रपति शासन उस वक्त तक जारी रहेगा जब तक तेलुगु देशम पार्टी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री का पद नहीं संभालते. चंद्रशेखर राव को आज सुबह राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. चंद्रशेखर राव के शपथग्रहण से पहले आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ई एस एल नरसिम्हन तेलंगाना के राज्यपाल के तौर पर शपथ ली. नरसिम्हन गुप्तचर ब्यूरो के पूर्व प्रमुख हैं वह तेलंगाना के राज्यपाल के तौर पर काम करेंगे. नरसिम्हन तेलंगाना और शेष आंध्र प्रदेश दोनों के राज्यपाल होंगे. तेलंगाना के पहले मुख्यमंत्री के रुप में शपथ लेने के बाद चंद्रशेखर राव ने स्थानीय परेड मैदान में ‘तेलंगाना स्थापना दिवस’ के आधिकारिक समारोह में हिस्सा लिया.
सरकार संभालने वाली टीआरएस, अन्य राजनीतिक पार्टियां और तेलंगाना समर्थक हैदराबाद सहित कई स्थानों में आज कई कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं. टीआरएस कार्यकर्ता और समर्थक पहले ही हैदराबाद को गुलाबी रंग से रंग चुके हैं. टीआरएस के झंडे का रंग भी गुलाबी है. शहर में बडे-बडे पोस्टर, बैनर लगाए गए हैं जिसमें चंद्रशेखर राव की तारीफ के पुल बांधे गए हैं.
टीआरएस ने हाल में तेलंगाना क्षेत्र में आयोजित विधानसभा चुनाव में 119 सीटों 63 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया है.हालांकि तेलंगाना के सामने अब असली चुनौतियां हैं लेकिन माना जा रहा है कि 8 जून को आंध्र की कमान संभालने वाले चंद्राबाबू नायडू केंद्र से विशेष पैकेज मांगेगें क्योंकि उनके तेलंगाना के अलग होने से उनके हिस्से आय के अधिकाधिक स्रोत नहीं रहे हैं.