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बस्तर में वोटिंग का होगा सीधा प्रसारण

रायपुर | एजेंसी: छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में बस्तर सीट के लिए निर्वाचन आयोग ने प्रशासनिक व सुरक्षा की तैयारियां पूरी कर ली हैं.

क्षेत्र में कुल 58 वेब कैमरे लगेंगे, जिसके जरिए मतदान का सीधा प्रसारण किया जाएगा. मतदानकर्मी दलों को मतदान केंद्रों तक लाने-ले जाने के लिए छह हेलीकॉप्टरों की मदद ली जाएगी. इसके अलावा जगदलपुर व रायपुर में एक-एक एयर एम्बुलेंस की भी व्यवस्था रहेगी.

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुनील कुमार कुजूर ने बताया कि मतदानकर्मी दलों की रवानगी शुरू हो चुकी है. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए बस्तर संसदीय क्षेत्र के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के पांच-पांच मतदान केंद्रों में वेब कैमरे लगाए जाएंगे, यानी कुल 58 वेब कैमरे लगेंगे, जिसके जरिए मतदान का सीधा प्रसारण किया जाएगा. साथ ही एक हजार से अधिक डिजिटल या वीडियो कैमरे भी लगाए जाएंगे.

कुजूर ने पत्रकारों को बताया कि बस्तर संसदीय क्षेत्र में 10 अप्रैल को होने वाले मतदान की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. क्षेत्र में आठ प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें से दो महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं. यहां मतदान समाप्ति के 48 घंटे पहले मंगलवार की शाम चुनाव प्रचार थम गया.

बस्तर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत छह जिले व आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं. बस्तर के लिए एक सामान्य व एक निर्वाचन व्यय प्रेक्षक और 478 माइक्रो आब्जर्वर तैनात किए गए हैं. बस्तर संसदीय क्षेत्र में कुल 12 लाख 98 हजार 971 मतदाता हैं, जिनके लिए एक हजार 797 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इनमें से 1407 मतदान केंद्रों को संवेदनशील घोषित किया गया है.

बस्तर क्षेत्र में आठ हजार 625 मतदान कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है. बस्तर संसदीय क्षेत्र को 304 सेक्टरों में बांटा गया है, जहां सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है. गर्मी के मौसम को देखते हुए मतदान केंद्रों में छांव व पेयजल की व्यवस्था करने को गया है. क्षेत्र में छह हजार 112 लोगों को निर्वाचन ड्यूटी प्रमाणपत्र के लिए आवेदन लगाए हैं. इसके अलावा 107 सर्विस वोटरों ने डाक मतपत्र की मांग की है.

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि बस्तर संसदीय क्षेत्र के 238 मतदान केंद्रों को सुरक्षा कारणों को देखते हुए दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है. चुनाव कार्य में लगे अधिकारी व कर्मचारियों की मौत या घायल होने पर मुआवजा का प्रावधान रखा गया है. सामान्य परिस्थिति में मौत पर 10 लाख रुपये और नक्सली हिंसा या अन्य विशेष परिस्थितियों में मौत पर 20 लाख रुपये दिए जाएंगे.

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