बीसीसीआई अध्यक्ष बनें गावस्कर: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली | एजेंसी: सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन को अध्यक्ष पद छोड़ने का आदेश नहीं सुनाया, लेकिन उसने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) सट्टेबाजी मामले में बीसीसीआई को तीन सुझाव दिए.
न्यायालय ने कहा कि श्रीनिवासन को जांच पूरी होने तक अध्यक्ष पद छोड़ना होगा, चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स टीमों को आईपीएल-7 में हिस्सा लेने से रोका जाए तथा सुनील गावस्कर को बीसीसीआई का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया जाए.
न्यायालय ने हालांकि यह भी कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, बोर्ड अध्यक्ष पद का काम गावस्कर के अलावा उनके बराबर कद वाले किसी अन्य खिलाड़ी को भी सौंपा जा सकता है.
न्यायालय ने साथ ही यह भी सुझाव दिया कि आईपीएल से जुड़े सुपर किंग्स का मालिकाना हक रखने वाली कम्पनी-इंडिया सीमेंट्स का कोई भी अधिकारी बोर्ड में शामिल न किया जाए. इंडिया सीमेंट्स के अध्यक्ष श्रीनिवासन हैं और सुपर किंग्स टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी इसके उपाध्यक्ष हैं.
श्रीनिवासन के वकील ने अदालत से कहा कि सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स को आईपीएल-7 से बाहर किए जाने से मैचों का फॉरमेट खराब हो जाएगा. साथ ही साथ उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई भी फैसले लेने से पहले उनकी दलील अवश्य सुनी जाए.
अदालत ने इस पर कहा कि वह उनकी बात जरूर सुनेगी और शुक्रवार को इस मामले को लेकर अंतरिम आदेश सुनाएगी. इसके बाद अदालत की कार्यवाही समाप्त कर दी गई. यह कार्यवाही ढाई घंटे चली.
सर्वोच्च न्यायालय ने 25 मार्च को न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल द्वारा सट्टेबाजी मामले की जांच रिपोर्ट पर सुनवाई करते हुए कहा था कि श्रीनिवासन के अध्यक्ष बने रहने तक इस मामले की निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो सकती और इस कारण श्रीनिवासन को पद छोड़ना होगा.
न्यायालय ने श्रीनिवासन को इसके लिए 48 घंटे का समय दिया था. अदालत ने यह भी कहा था कि अगर श्रीनिवासन खुद पद नहीं छोड़ेंगे तो वह इस संबंध में आदेश पारित करेगी. मियाद पूरी होने के बाद श्रीनिवासन ने पद नहीं छोड़ा, तब जाकर गुरुवार को सुनवाई में अदालत ने बीसीसीआई के सामने तीन सुझाव रखे.