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बज गया चुनावी नगाड़ा

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: 16वीं लोकसभा के गठन के लिए आम चुनाव सात अप्रैल से शुरू होंगे. आखिरी मतदान 12 मई को होगा और परिणाम की घोषणा 16 मई को होगी. निर्वाचन आयोग ने बुधवार को इसकी घोषणा की.

विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में 81.4 करोड़ लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. यह आंकड़ा 1952 में हुए प्रथम लोकसभा चुनाव में 17.6 करोड़ था. 2009 के पिछले आम चुनाव के बाद इस बार 9.71 करोड़ नए मतदाता लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बनेंगे.

निर्वाचन आयुक्त वी.एस. संपत ने कहा कि लोकसभा के साथ-साथ सिक्किम, ओडिशा और आंध्र प्रदेश विधानसभा के चुनाव भी कराए जाएंगे.

संपत ने मीडिया से कहा, “विश्वसनीय चुनाव लोकतांत्रिक व्यवस्था की आत्मा और विशिष्टता है.”

545 लोकसभा में से 543 सीटों के लिए मतदान अप्रैल में सात, नौ, 10, 12, 17, 24 और 30 तारीख और मई में सात और 12 मई को कराए जाएंगे. लोकसभा के दो एंग्लो इंडियन सदस्यों का चुनाव राष्ट्रपति करते हैं.

संपत ने चुनाव में जागरुकता और नैतिकता के साथ मताधिकार का प्रयोग करने की लोगों से अपील की.

उन्होंने राजनीतिक पार्टियों और उम्मीदवारों से भी राजनीतिक भाषणों और व्यक्तव्यों में उच्च मानदंड बनाए रख कर और पक्षपात रहित व्यवहार करते हुए देश की लोकतांत्रिक परंपरा को बरकरार रखने की अपील की.

उन्होंने कहा, “निर्वाचन आयोग देश को आश्वस्त करता है कि वह निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनाव कराने के संवैधानिक दायित्व को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध और कृत संकल्प है.”

निर्वाचन आयुक्त एच.एस. ब्रह्मा ने कहा, “हम सभी राजनीतिक पार्टियों से अपील करते हैं कि वह अशिष्ट और अभद्र शब्दों और भाषा का इस्तेमाल न करें.”

संसदीय चुनाव में पहली बार मतदाताओं को ‘नन ऑफ द एबव’ विकल्प’ का इस्तेमाल करने का अवसर मिलेगा. इसकी शुरुआत नवंबर-दिसंबर में पांच राज्यों में कराए गए विधानसभा चुनाव से हुई है.

संपत ने चुनाव में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए धन बल के होने वाले इस्तेमाल पर चिंता जाहिर की और कहा कि इस पर नियंत्रण के लिए कदम उठाए जाएंगे.

देशभर में करीब 9,30,000 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे. यह 2009 के चुनाव से 12 फीसदी अधिक है.

देश में बुधवार से चुनावी आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है.

ब्रह्मा ने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाके में सुरक्षा कारणों से मतदान एक चरण में कराए जाएंगे.

प्रथम चरण में दो राज्यों के छह लोकसभा सीटों पर मतदान कराए जाएंगे.

नौ अप्रैल को पांच राज्यों के सात सीटों पर, 10 अप्रैल को 14 राज्यों के 92 सीटों पर, 12 अप्रैल को तीन राज्यों के पांच सीटों पर, 17 अप्रैल को 13 राज्यों के 122 सीटों पर, 24 अप्रैल को 12 राज्यों की 117 सीटों पर, 30 अप्रैल को नौ राज्यों की 89 सीटों पर, सात मई को सात राज्यों की 64 सीटों पर और 12 मई को तीन राज्यों के 41 सीटों पर मतदान कराए जाएंगे.

संपत ने कहा कि चुनाव की तारीख स्कूल की परीक्षाओं, मानसून, खेती के मौसम और स्थानीय त्योहारों को ध्यान में रखते हुए तय किए गए हैं.

नौ मार्च को लोग घर से नजदीक केंद्रों पर मतदाता सूची में अपने नाम की जांच कर पाएंगे.

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