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हिरासत में बने रहेंगे सुब्रत रॉय

नई दिल्ली | एजेंसी: सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह प्रमुख सुब्रत रॉय और उनकी कंपनियों के दो निदेशकों को पुलिस हिरासत में भेज दिया है.

वे वैकल्पिक रूप से परिवर्तनीय डिबेंचर्स द्वारा जुटाए गए 19,000 करोड़ रुपये निवेशकों को वापस करने के लिए ठोस प्रस्ताव पेश करने तक अभिरक्षा में रहेंगे. सहारा समूह की दो कंपनियों-सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्प लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉर्प लिमिटेड ने निवेशकों से यह राशि जुटाई थी.

मंगलवार को हुई सुनवाई में न्यायमूर्ति के.एस.राधाकृष्णन की पीठ ने हालांकि तीसरी महिला निदेशक वंदना भार्गव को अभिरक्षा से राहत दे दी, लेकिन कहा कि वह राय और दो निदेशकों से बातचीत कर एक ठोस प्रस्ताव पेश करेंगी.

तीनों को अभिरक्षा में भेजने का आदेश देते हुए न्यायालय ने कहा, “हम आपके प्रस्ताव से संतुष्ट नहीं हैं. कोई ठोस प्रस्ताव नहीं तैयार किया गया है. न ही बैंक गारंटी दी गई है.” सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि प्रस्ताव के तैयार होने पर न्यायालय को इसकी सूचना दी जाए, ताकि सुनवाई की अगली तारीख तय की जा सके.

इससे पहले मंगलवार को सुनवाई से पहले सुब्रत रॉय पर एक वकील मनोज शर्मा ने स्याही फेंकने की कोशिश की और कहा कि “सुब्रत चोर हैं और उन्होंने गरीबों का पैसा लूटा है, इसलिए मैंने सुब्रत पर स्याही फेंकी”.

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