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मुफ्त चावल ने शराबखोरी बढ़ाई: निश्चलानंद

रायपुर | एजेंसी: छत्तीसगढ़ के प्रवास पर पहुंचे पुरी पीठ के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने छत्तीसगढ़ में गरीबों को एक रुपये किलो चावल देने की योजना की आलोचना की है.

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार एक रुपये किलो चावल देने की बात की, उसका निर्वहन भी किया लेकिन उसका परिणाम यह हुआ है कि श्रमशक्ति महंगी हो गई, विकास ठप हो गया और लोग शराबी बन गए.

इससे पहले गुरुवार को शंकराचार्य ने राजिम को पांचवां कुंभ कहे जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए मंच पर बैठे राज्यपाल और सरकार के मंत्रियों की जमकर खिंचाई की थी और कहा था कि आपके पास सत्ता है तो आप शआस्त्रों को बदल कर पाँचवा कुंभ क्या छठा, सातवां कुंभ भी बना सकते हैं.

आज विधायक धनेंद्र साहू के गृह ग्राम अभनपुर में शंकराचार्य ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि देश के राजनीतिक दल कई मुद्दों पर चुनाव लड़ते हैं. सरकार बनाने के बाद वे उन मुद्दों को भूल जाते हैं. इससे देश में राजनीति की गरिमा कम हुई है. इसलिए राजनीतिक दलों को किसी मुद्दे को चुनावी मुद्दा बनाने से पहले उसके हर पहलू पर सोचना चाहिए. खासतौर से कांग्रेस व भाजपा को इस ओर ध्यान देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि राजनीति ने देश का स्तर गिराया है. भारत की मेध, रक्षा शक्ति और वाणिज्य शक्ति इतनी प्रबल है कि पूरे विश्व को प्रभावित कर सकती है. लेकिन भारत के नेतृत्व में वह क्षमता नहीं है कि चारों शक्तियों का सदुपयोग कर सके या भारत के प्रति पूरे विश्व की सहानुभूति प्राप्त कर सके.

शंकराचार्य ने कहा कि राम जन्मभूमि के नाम पर, सीमा सुरक्षा के नाम पर, आर्थिक विपन्नता दूर करने के नाम पर, नदी-समुद्र जोड़ने के मुद्दों पर सरकारें बनती हैं, पार्टियां बाद में उन मुद्दों को भूल जाती हैं.

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