कुडनकुलम परमाणु विद्युत इकाई-2 का परीक्षण जल्द
चेन्नई | एजेंसी: न्यूक्लियर पावर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड अपने कुडनकुलम परमाणु विद्युत परियोजना (केएपीपी) के 1,000 मेगावाट वाले द्वितीय परमाणु विद्युत संयत्र की जांच कराएगा. परमाणु विद्युत संयंत्र की संपूर्ण जांच प्रक्रिया को हाइड्रो टेस्ट कहा जाता है.
कंपनी अपनी केएपीपी की पहली इकाई में विद्युत का स्तर बढ़ाने के लिए परमाणु एनर्जी रेग्युलेटरी बोर्ड (एईआरबी) से संपर्क करेगा.
केएनपीपी संयंत्र के निदेशक आर.एस. सुंदर ने बताया, “हमारी योजना एक सप्ताह के अंदर संयंत्र का हाइड्रो टेस्ट पूरा करने की है. यह संयंत्र के ‘हॉट रन’ से पहले का प्रारंभिक चरण है.”
‘हॉट रन’ का मतलब डमी ईंधन संयोजनों के साथ संयंत्र का परीक्षण होता है. डमी ईंधन संयोजन यूरेनियम के बजाय सीसे से बने होते हैं और आयाम एवं वजन में परमाणु ईंधन संयोजनों के जैसे ही होते हैं.
परमाणु विद्युत संयंत्र की पहली इकाई के संचालन के बारे में पूछे जाने पर सुंदर ने कहा कि यह 73 प्रतिशत विद्युत स्तर पर संचालित हो रहा है और अभी इसकी अलग-अलग जांच की जा रही है.
उन्होंने कहा, “हम आशा करते हैं कि एक सप्ताह के अंदर सभी जांच पूरे कर लिए जाएंगे और संयंत्र का विद्युत स्तर बढ़ाने के लिए एईआरबी को आवेदन दिया जाएगा.”
भारत का परमाणु ऊर्जा संयंत्र संचालक एनपीसीआईएल तिरुनेलवेली जिले के कुडनकुलम में 1,000 मेगावाट के रूसी संयंत्र की स्थापना कर रहा है. संयंत्र स्थापित करने का अनुमानित लागत 17,000 करोड़ रुपये बताया गया है.