राष्ट्र

कैग बताएगा बिजली कंपनियों का सच-केजरीवाल

नई दिल्ली | संवाददाता: अरविंद केजरीवाल ने बिजली कंपनियों पर फिर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि बिजली कंपनियों की कैग से जांच होने के बाद बिजली कंपनियों द्वारा पैसे की कमी का सच सामने आ जाएगा. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बिजली कंपनियां घाटा का तर्क देकर जिस तरीके से बिजली कटौती की बात कर रही हैं, वह सच नहीं है.

गौरतलब है कि दिल्ली में हर रोज 4500 मेगावॉट बिजली की जरुरत होती है, जिसके लिये एक हजार मेगावाट बिजली राज्य सरकार पैदा करती है, जबकि 2400 मेगावाट बिजली केंद्र सरकार देती है. इसके अलावा ग्यारह सौ मेगावॉट बिजली दूसरे राज्यों से खरीदी जाती है. आज की तारीख में दिल्ली में लगभग 40 लाख उपभोक्ता हैं.

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बिजली कंपनियां कह रही हैं कि उनके पास पैसा नहीं है, तो उनका पैसा कहां हैं. केजरीवाल ने कहा कि कैग उनके पैसे का पता लगा रहा है और कैग रिपोर्ट में सब सच सामने आ जाएगा. कैग रिपोर्ट के बाद हमें पता चल जाएगा कि सच में ये कंपनियां वित्तीय संकट का सामना कर रही हैं कि नहीं.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने साफ कहा कि आज से 8-10 घंटे की बिजली कटौती की घोषणा पर बिजली कंपनियों के खिलाफ दिल्ली सरकार कैग की रिपोर्ट मिलने के बाद ही कार्रवाई करेगी.

इधर दिल्ली विद्युत नियामकीय आयोग ने राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की दरें 8 प्रतिशत तक बढ़ा दी है. दिल्ली विद्युत नियामकीय आयोग के चेयरमैन पीडी सुधाकर ने बताया कि ईंधन लागत समायोजन से अधिभार में बढ़ोतरी हुई है, जो बीएसईएस यमुना पावर के लिए 8 फीसदी, बीएसईएस राजधानी के लिए 6 फीसदी और टाटा पॉवर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के लिए 7 फीसदी है.

इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीएसईएस बिजली कंपनी पर दिन में 10 घंटे तक बिजली कटौती की चेतावनी पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था और आगाह किया कि लाइसेंस रद्द करने सहित कड़ा कदम उठाया जाएगा. केजरीवाल ने यह भी कहा कि टाटा और अंबानी ही देश में बिजली वितरण का काम नहीं करते हैं. सरकार अन्य कंपनियों को भी प्रवेश देने की इच्छुक है. इस समय दिल्ली में वितरण का काम टाटा समूह और अंबानी समूह की कंपनियों के पास है.

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