राष्ट्र

‘आप’ तो ऐसे ना थे!

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: ‘आप’ का अंतर्कलह बिन्नी के विद्रोह से बाहर आ गया है. दिल्ली के विधायक विनोद कुमार बिन्नी गुरुवार को प्रेस वार्ता करने जा रहें हैं. बुधवार के सुबह विनोद कुमार बिन्नी के साथ पार्टी नेतृत्व का द्वंद ऊभर कर सामने
आया था. बिन्नी ने आरोप लगाया था कि पार्टी अपने रास्ते से भटक गई है. वहीं दोपहर होते-होते टीना शर्मा से विवाद भी सतह पर आ गया.

देश व दिल्ली की जनता इससे आहत तथा अचंभित है. जिस आम आदमी पार्टी को भ्रष्टाचार मिटाने के लिये बड़े अरमानों से वोट दिया था वहीं यदि आपस में लड़ने लगी तो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई तो गई काम से. अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि बिन्नी पहले दिल्ली में मंत्री बनना चाह रहा था अब वह लोकसभा का चुनाव लड़ना चाह रहा है. जबकि बिन्नी ने कहा है कि ऐसा कुछ नहीं है तथा वे गुरुवार को प्रेस वार्ता करने जा रहें हैं. जिसका फायदा उठाने से भाजपा तथा कांग्रेस नहीं चूकने वाली.

आम आदमी पार्टी से दिल्ली विधानसभा की सदस्य टीना शर्मा ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के पॉच लोकसभा क्षेत्रो से कौन-कौन चुनाव लड़ेगा यह पार्टी में पहले से ही तय था फिर सदस्यों से फार्म भरवाने का ढ़ोंग क्यों रचा गया. टीना शर्मा ने बताया है कि
दिल्ली से शाजिया इल्मी, गोपाल राय, आशुतोष कुमार, आशीष तलवार और दिलीप पांडेय लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले हैं.

हैरत तो तब हुई जब अरविंद केजरीवील ने दिल्ली के सचिवालय के बाहर इंतजार करने वाले शिक्षकों से कह दिया कि सड़क पर कैसे फैसला कर दूं, आप में से 4-5 लोग मुझसे कल मिलने आये.दिल्ली की जनता से आम आदमी पार्टी का परिचय सड़कों से में ही हुआ था. जहां जनता ने भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहें आंदोलन के दौरान अरविंद केजरीवाल को उन्होंने समर्थन दिया था.

हालांकि एक दिन के घटनाओं के आधार पर आम आदमी पार्टी के काम-काज पर कोई राय बना लेना उचित नहीं होगा. उन्हें अभी और समय देने की जरूरत है. यह सत्य है कि सड़कों पर संघर्ष चलता है, सरकारें तो सचिवालयों में बैठकर ही चल सकती है.

परन्तु इसके लिये दोष आम जनता नहीं अरविंद केजरीवाल तथा आम आदमी पार्टी के नेतृत्व का है. जिन्होंने रामलीला मैदान से भारतीय लोकतंत्र के सबसे बड़े संस्थान लोकसभा को ललकारा था. अब वहीं अराजकतावाद उनके गले की हड्डी बन गया है. खैर, जनवाद तथा अराजकतावाद का द्वंद तो चलता ही रहेगा क्योंकि यह पहले भी चलता रहा है जिससे जनता को डरने की जरूरत नहीं है.

जनता अब हर समस्या का हल अराजक तरीके से हल करना चाह रही है. जिससे आम आदमी पार्टी के मंत्रीगण दुविधा में पड़ गयें हैं. अपने काम-काज के द्वारा केजरीवाल की दिल्ली सरकार जनता को हर संभव राहत पहुचाने का कोशिश कर रही है. इस व्यवस्था के दायरे में जितना भी संभव है किया जा रहा है लेकिन जनता है कि पूछ रही है आप तो ऐसे न थे!

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