कम समृद्धि, अधिक असमानता
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ देश के सबसे कम समृद्ध तथा सबसे ज्यादा असमानता वाले राज्यों में से है. न केवल इसके नागरिक कम समृद्ध है वरन् उनके बीच असमानता भी अधिक पाई गई है. इस चौकाने वाली बात का खुलासा क्रिसिल द्वारा जारी ताजा आकड़ों से होता है.
इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर के तुलना में बाकी प्रदेश के लोग आधे समृद्ध हैं. जो इस बात का घोतक है कि विकसित प्रदेश के दावे किये जाने वाले छत्तीसगढ़ में व्यापक स्तर पर असमानता विद्यमान है. यदि प्रदेश के लोग समृद्ध ही न हो तो काहे का विकास और काहे का भरोसे का प्रदेश.
देश के 16 राज्यों में छत्तीसगढ़ समृद्धि के पैमाने पर 15वें पायदान पर खड़ा है. छत्तीसगढ़ की तुलना में पंजाब, केरल, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, राजस्थान, झारखंड, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडीसा तथा बिहार में समृद्धि अधिक है. छत्तीसगढ़ के बाद केवल मध्यप्रदेश का नाम आता है. इस बात की तस्दीक क्रिसिल के द्वारा प्रकाशित पआकाशन से की जा सकती है.
क्रिसिल एक अर्थव्यवस्था तथा उद्योगों की रेटिंग एजेंसी है. जो समय-समय पर देश तथा उद्योगों के बारे में शोध प्रकाशित करते रहता है. यह अपने आप में अत्यंत प्रतिष्ठित संस्थान है जिसके आकड़ों का उपयोग दुनिया भर में किया जाता है.
प्रस्तुत शोध में क्रिसिल ने जनगणना 2011 से आकड़ों को लिया है तथा उस पर अपना शोध किया है. क्रिसिल ने भी जीवन स्तर की तुलना स्वामित्य के आधार पर की है. इसके लिये टेलीविजन, कम्प्यूटर/लैपटाप, टेलाफोन/ मोबाईल, दो पहिया या चार पहिया वाहनों को समृद्धि का पैमाना माना है.
जनगणना 2011 से प्राप्त आकड़ों का जब क्रिसिल की शोध टीम ने विश्लेषण किया तो छत्तीसगढ़ में समृद्धि अन्य 15 राज्यों से कम है साथ ही साथ यहां इन पैमानो के आधार पर असमानता भी सबसे अधिक है.
क्रिसिल ने सकल घरेलू उत्पादन को समृद्धि का पैमाना इसलिये नहीं माना कि यह औसत आकड़ा होता है परन्तु सवाल इन समृद्धि के वितरण का है. सकल घरेलू उत्पादन के मामले में छत्तीसगढ़ 16 राज्यों में 11वें स्थान पर है लेकिन सकल घरेलू उत्पादन पर कुछ ही लोगों का कब्जा होने के कारण प्रदेश में समृद्धि सबसे कम है तथा असमानता सभी राज्यों में सबसे ज्यादा है.
क्रिसिल के शोध से यह बात भी ऊभर कर आयी है कि छत्तीसगढ़ के 27.1 फीसदी लोगों के पास टेलीविजन, कम्प्यूटर/लैपटाप, टेलाफोन/ मोबाईल, दो पहिया या चार पहिया वाहन कुछ भी नहीं है. छत्तीसगढ़ में केवल 2.6 फीसदी लोगों के पास समृद्धि के
सभी पैमाने उपलब्ध हैं.