मुफ्त चावल को जनता ने खारिज किया
रायपुर | एजेंसी: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि जनता ने मुफ्त चावल योजना को खारिज कर दिया है. रमन सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने एक रुपये किलो चावल देने का फैसला लेकर राज्य की उस गरीब आबादी को स्वाभिमान से जीने का अवसर और अधिकार दिया है, जो दूर-दराज के इलाकों में कंद-मूल खाकर जीवन-यापन करती थी.
इसके विपरीत कांग्रेस ने मुफ्त चावल देने की घोषणा की, जिसे जनता ने खारिज कर दिया. मुख्यमंत्री ने गुरुवार देर शाम यहां विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई 14 घंटे की चर्चा का जवाब देते हुए सदन में अपनी सरकार की एक रुपये किलो चावल योजना का जिक्र किया.
उन्होंने कहा, “घोषणापत्र में हमने वादा किया था कि हम गरीबों को एक रुपये प्रति किलो चावल देंगे. यह हमारी योजना है और ऑन गोइंग प्रोजेक्ट है तथा केंद्र सरकार भी इसी रास्ते पर चल रही है, जबकि राज्य में कांग्रेस के घोषणापत्र में था कि वे नि:शुल्क चावल देंगे.”
डॉ. रमन सिंह ने कहा, “छत्तीसगढ़ के लोग स्वाभिमानी हैं. मुफ्त का कुछ लेने वाले नहीं हैं. मेरी पहले भी यही मान्यता थी, आज भी है और कल भी रहेगी. इसलिए मैंने कहा कि इस चुनाव में मुफ्त के चावल को जनता ने रिजेक्ट कर दिया.”
मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन में यह किसी को भी कहने की जरूरत नहीं है कि चावल योजना गरीबों को निकम्मा बना रही है और गरीब आदमी चावल बेचकर शराब पी लेता है.
उन्होंने कहा “मेरा गरीब आदमी कभी ऐसा नहीं करेगा, क्योंकि चावल से उसके बच्चे के दो टाइम के खाने की व्यवस्था होती है. उसका इस प्रकार से मजाक उड़ाना ठीक नहीं. वह स्वाभिमान से जीता है. उसका केवल 35 रुपये ही तो बचता है. क्या 35 रुपये में उसका जीवन चलेगा? कापी, किताब, दाल, सब्जी, नमक के लिए उसको पैसा चाहिए.”
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने छत्तीसगढ़ की उस आबादी को स्वाभिमान से जीने का अवसर और अधिकार दिया है, जो कोदो-कुटकी और कंदमूल खाकर जीते थे. आज वह आबादी स्वाभिमान से जी रही है. राज्य में शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर तथा कुपोषण की दर कम हुई है.”